सोशल मीडिया (Social Media) प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर निर्देश सिंह (Nirdesh Singh) ने हिंदू देवताओं भगवान कृष्ण, श्री राम, सीता और द्रौपदी के बारे में अश्लील भाषा (Obscene Language) पोस्ट करके उनका अपमान किया है। इसके अलावा उसने महाकुंभ मेले (Maha Kumbh Mela) पर भी टिप्पणी की। निर्देश सिंह ने दिव्य और भव्य महाकुंभ को लेकर कुछ ऐसे पोस्ट भी किए हैं जिससे धार्मिक भावनाएं (Religious Sentiments) आहत हुई हैं। इसे देखते हुए अधिवक्ता अमिता सचदेवा (Advocate Amita Sachdeva) ने साइबर थाने में निर्देश सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज (Complaint Filed) कराई है।
निर्देश सिंह द्वारा की गई टिप्पणियों को देखने से यह साबित होता है कि वीडियो और पोस्ट से न केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है, बल्कि यह भारतीय दंड संहिता और भारतीय न्यायिक संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत एक आपराधिक अपराध भी है। इसलिए निर्देश सिंह का विरोध धारा 153 ए आईपीसी / 196 बीएनएस (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के खिलाफ था; धारा 295 ए आईपीसी / 299 बीएनएस दर्ज किया जाना चाहिए। अधिवक्ता अमिता सचदेवा ने मांग की कि निर्देश सिंह के खिलाफ धारा 500 आईपीसी / 356 बीएनएस (महानी) के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए।
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इससे पहले हिंदू द्वेषी पत्रकार राणा अयूब ने भगवान श्रीराम और स्वातंत्र्यवीर सावरकर का अपमान करने वाले पोस्ट किए थे। इससे पहले भी उनके खिलाफ साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी। हालांकि, साइबर सेल ने इस पर कार्रवाई नहीं की तो उन्होंने दिल्ली की अदालत का दरवाजा खटखटाया, जिसने इस मामले में राणा अयूब के खिलाफ केस दर्ज कर जांच करने का आदेश दिया। इसी तरह अगर पुलिस इस मामले में भी निष्क्रिय रही तो हम इस मामले में भी अदालत में अपील करेंगे।
– अधिवक्ता अमिता सचदेवा
धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचने वाले कृत्य
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर निर्देश सिंह द्वारा की गई आपत्तिजनक पोस्ट से समाज में नफरत फैल रही है। धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के साथ ही अपमानजनक भाषण दिया जा रहा है। साइबर थाने को तुरंत इस विवाद को अपने हाथ में लेकर निर्देश सिंह के खिलाफ मामला दर्ज करना चाहिए।आपत्तिजनक पोस्ट को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटाया जाना चाहिए। जिसने भी इस कार्रवाई में देरी की, देरी के लिए जिम्मेदार व्यक्ति को तत्काल जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। नफरत फैलाने वाले भाषण और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाली तथा धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली सामग्री को बढ़ावा देने के मुद्दे को रोका जाना चाहिए तथा इस पर तत्काल ध्यान दिया जाना चाहिए, एडवोकेट सचदेवा ने कही ये बात।
देखें यह वीडियो –
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