देश के कई राज्यों के साथ ही महाराष्ट्र में बर्ड फ्लू का प्रकोप जारी है। इस बीच प्रदेश की महाविकास आघाड़ी सरकार ने इससे होनेवाले नुकसान पर मुआवजा देने की घोषणा की है। पशु संवर्धन मंत्री सुनील केदार ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि पक्षी पालकों को आर्थिक मदद देने के लिए यह निर्णय लिया गया है।
सुनील केदार ने यह घोषणा करते हुए कहा कि रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत प्रभावित क्षेत्र से एक किलोमीटर तक के दायरे में मरने या मार दिए जानेवाले मुर्गियों और अन्य पक्षियों के साथ ही अंडों तथा उनके खाद्य पदार्थों पर होनेवाले नुकसान की भरपाई करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए सरकार ने 130 लाख रुपए मंजूर किए हैं।
तस्करी के पैसों से ऐसे फैला रहे थे आतंक… जानें पूरी कहानी
इस तरह दिया जाएगा मुआवजा
सरकार के इस निर्णय के अनुसार आठ हफ्तों में अंडा देनेवाले पक्षियों पर प्रति पक्षी 20 रुपए, आठ हफ्तों से ज्यादा समय में अंडा देनेवाले पक्षियों पर प्रति पक्षी 90 रुपए, छह हफ्तों की मुर्गियों को 20 रुपए प्रति मुर्गी, इससे ज्यादा दिनों के मुर्गियों को 70 रुपए प्रति मुर्गी, मुर्गियों के अंडे पर प्रति अंडा 3 रुपए, मुर्गियों के खाद्य पदार्थों पर प्रति किलो 12 रुपए, छह हफ्तों के बतख को 35 रुपए प्रति बतख, इससे ज्यादा दिनों के बतख पर 135 रुपए प्रति बतख दिया जाएगा।
प्रभावित क्षेत्र से एक वर्ग किलोमीटर तक के दायरे में जिन पक्षियों को मार दिया गया है, उन पर सरकार ने मुआवजा देने का ऐलान किया है।
ये भी पढ़ेंः सीरम इंस्टीट्यूट की आग में गई पांच की जान
‘पूरी तरह पकाकर खाएं चिकन’
पशुसंवर्धन मंत्री सुनील केदार ने जानकारी देते हुए कहा कि मुर्गी का मांस और उसके अंडे विटामिन और प्रोटीन से भरपूर होते हैं। बर्ड फ्लू एरिया को छोड़कर अन्य जगहों की मुर्गियों को पूरी तरह पकाकर और अंडे को उबालकर या तल कर खाना सुरक्षित है। मुर्गी पालकों को भी इन्हें दाना-पानी देते समय हाथों में गलव्स और मुंह पर मास्क लगाना चाहिए। इसके साथ ही मांस विक्रेताओं को भी मास्क के उपयोग करने के साथ ही साफ-सफाई पर पूरा-पूरा ध्यान देना चाहिए।