राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने 180 करोड़ रुपये की ड्रग्स की जब्ती के मामले में महाराष्ट्र (Maharashtra) के पालघर जिला के नालासोपारा (Nalasopara) से गिरफ्तारी (arrested) की है। डीआरआई ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी इस ड्रग रैकेट का मुख्य सदस्य है। ड्रग रैकेट (drug racket) में गिरफ्तार मुख्य सदस्य की पहचान वजुलकमार शकील अहमद उर्फ पप्पू (46) के रूप में हुई है। वजुलकमार उर्फ पप्पू गुजरात वापी में बड़ी मात्रा में मेफेड्रोन बनाने वाले रैकेट का प्रमुख सदस्य है। गिरफ्तारी के बाद उसे गुजरात ले जाया गया है।
चार शहरों की डीआरआई टीम ने चलाया अभियान
मुंबई, अहमदाबाद, सूरत और वापी की डीआरआई टीमों ने रविवार को गुजरात इंडस्ट्रियल एस्टेट (जीआईडीसी) वापी में मेसर्स प्राइम पॉलिमर इंडस्ट्रीज के कारखाने के परिसर में तलाशी अभियान चलाया, जिसके दौरान फर्म को अवैध कामों में शामिल पाया गया। मेफेड्रोन का उत्पादन ट्यूब पाए गए । उसमें तरल रूप में 121 किलोग्राम से अधिक संदिग्ध मेफेड्रोन था। फोरेंसिक लैब के अधिकारियों ने पुष्टि की कि पदार्थ मेफेड्रोन था। डीआरआई अधिकारियों ने फैक्ट्री के मालिक राजू सिंह को गिरफ्तार कर लिया।
गुजरात में गिरफ्तार संदिग्धों से मिले सुराग
अपनी जांच के दौरान, डीआरआई अधिकारियों को रैकेट में शामिल और अधिक संदिग्धों के बारे में जानकारी मिली और इसके बाद, प्राइम पॉलिमर इंडस्ट्रीज के कर्मचारियों केयूर पटेल (31) और एक कुंदन यादव (30) को गुजरात से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में मुख्य आरोपी के तौर पर वाजुलकमार शकील अहमद उर्फ पप्पू का नाम भी सामने आया। इसके बाद डीआरआई की एक टीम मुंबई आई और नालासोपारा निवासी पप्पू को गिरफ्तार कर लिया। डीआरआई की जांच में पता चला कि नदीम नाम के एक मुख्य संदिग्ध ने लगभग चार महीने पहले पप्पू को एक ऐसे व्यक्ति को खोजने के लिए कहा था जो उसके लिए मेफेड्रोन बना सके।
इसके बाद पप्पू ने इस काम के लिए राजू सिंह को नदीम से मिलवाया। राजू ने नदीम से कहा था कि वह केमिकल इंडस्ट्री में काम करने वाले केयूर पटेल की मदद से मेफेड्रोन का निर्माण करेगा। डीआरआई ने कहा कि सभी आरोपियों को नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है।
यह भी पढ़ें – Cash-for-query: आचार समिति की बैठक 09 नवंबर को, महुआ मोइत्रा ने समिति पर लगाए गंभीर आरोप
Join Our WhatsApp Community