महाराष्ट्र के पूर्व अल्पसंख्यक मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता नवाब मलिक को पीएमएलए कोर्ट से राहत नहीं मिली है। न्यायालय ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। 30 नवंबर को पीएमएलए कोर्ट ने उनकी जमनात याचिका खारिज कर दी।
जज ने मलिक की याचिका खारिज करते हुए कहा कि कुर्ला के गोवावाला कंपाउंड की मालकिन मुनीरा प्लंबर का बयान काफी महत्वपूर्ण है। ईडी ने नवाब मलिक को 23 फरवरी 2022 को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। उस समय से वे न्यायिक हिरासत में हैं।
Money laundering case | PMLA Court rejects the bail application of NCP leader and Maharashtra's former minister Nawab Malik.
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— ANI (@ANI) November 30, 2022
कुर्ला के निजी अस्पताल में चल रहा है उपचार
वैसे तो मलिक न्यायिक हिरासत में हैं लेकिन स्वास्थ्य खराब होने के कारण फिलहाल वे मुंबई के कुर्ला स्थित एक अस्पताल में उपचार करा रहे हैं। यहां वे कई महीनों से भर्ती हैं।
न्यायालय ने सुरक्षित रख लिया था जमानत याचिका फर फैसला
विशेष न्यायाधीश आरएन रोकडे ने 14 नवंबर को दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद जनानत याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। न्यायालय अपना फैसला 24 नवंबर को सुनाने वाला था, लेकिन उस दिन यह कहते हुए मामले को स्थगित कर दिया गया था, कि आदेश तैयार नहीं है। न्यायालय ने मामले की सुनवाई 30 नवंबर को करने की बात कही थी। ईडी ने उसके खिलाफ एक विशेष अदालत में 5,000 पन्नों का आरोप पत्र दायर किया है।
मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप
नवाब मलिक की गिरफ्तारी अंडरवल्र्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के परिवार से जमीन की खरीद से जुड़ी है। मलिक पर आरोप है कि उसने अंडरवल्र्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर से कुर्ला के गोवा कंपाऊंड में 3 एकड़ जमीन खरीदा था। जांच एजेंसी के मुताबिक इस जमीन की मौजूदा कीमत करीब 300 करोड़ रुपए है। इस मामले में जांच एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया है।