जुलाई के वेतन का इंतजार कर रहे एसटी कर्मचारियों को अब इसके लिए सितंबर तक इंतजार करना पड़ेगा। परिवहन राज्य मंत्री सतेज पाटील ने बताया कि वेतन को लेकर अगले सप्ताह बैठक होनी है।
कोरोना को लेकर पाबंदियों ने एसटी की आमदनी कम कर दी है। नतीजतन, पिछले साल से कर्मचारियों को वेतन देना मुश्किल हो गया है। एसटी से होने वाली आय से महामंडल के दैनिक खर्च पूरे किए जा रहे हैं। इसलिए महामंडल ने राज्य सरकार से आर्थिक मदद की मांग की थी। सरकार द्वारा धनराशि उपलब्ध कराने के बाद कर्मचारियों के पिछले साल और इस साल के छह महीनों के वेतन का भुगतान किया गया था।
कुल 98 हजार हैं एसटी कर्मचारी
कोरोना की पहली लहर के बाद दूसरी लहर आने के कारण एसटी के यात्री और राजस्व में वृद्धि नहीं हुई। इसलिए जुलाई से अब तक वेतन व अन्य खर्चों के लिए एसटी महामंडल के खजाने में पैसा नहीं बचा है। नतीजतन, राज्य में 98,000 एसटी कर्मचारियों को अभी तक जुलाई का वेतन नहीं मिला है।
क्या बैठक में होगा समाधान?
एसटी यूनियनों ने इस समस्या के समाधान की परिवहन राज्य मंत्री सतेज पाटील से मांग की है। इस संबंध में पाटील ने कहा कि सरकार की ओर से एसटी कर्मचारियों के वेतन के लिए हर बार फंड उपलब्ध कराया जाता था, लेकिन कोरोना काल में सरकारी खजाने में भी पर्याप्त धन नहीं है। फिर भी एसटी कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को सुलझाने के लिए अगले सप्ताह एक बैठक होगी।
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एसटी की आय प्रभावित
कोरोना ने एसटी के राजस्व को प्रभावित किया है, जिससे इस महामंडल की रीढ़ टूट गई है। सामान्य परिस्थितियों में एसटी प्रतिदिन 22 करोड़ रुपये उत्पन्न करता है और 65 लाख यात्री इसमें हर दिन यात्रा करते हैं। कोरोना संकट के चलते स्कूल-कॉलेज पूरी क्षमता से शुरू नहीं हो पाए हैं। साथ ही सरकार की अन्य योजनाओं के यात्री भी एसटी द्वारा यात्रा नहीं कर रहे हैं। इससे एसटी की आय प्रभावित हुई है। इसके साथ ही डीजल के दाम बढ़ने से भी एसटी का खर्च बढ़ गया है।