महाराष्ट्र (Maharashtra) के छोटे मंदिरों (Temples) में ही नहीं, बल्कि कई बड़े मंदिरों में लगातार चोरी (Theft) की घटनाएं हो रही हैं। अब उन मंदिरों में भी चोरी की चौंकाने वाली घटनाएं सामने आ रही हैं जहां सीसीटीवी (CCTV) लगे हैं और कई सुरक्षा गार्ड (Security Guard) हैं। इस कारण पुलिस प्रशासन (Police Administration) पर निर्भर न रहें। अब देवनिधि की सुरक्षा के लिए मंदिर प्रबंधन को अपनी कुशल सुरक्षा व्यवस्था तैयार करनी चाहिए, ऐसी राय ‘महाराष्ट्र मंदिर महासंघ’ (Maharashtra Temple Federation) के प्रदेश संयोजक सुनील घनवट ने व्यक्त की।
हाल ही में नगर जिले (शेवगांव, अमरपुर) में स्थित श्री रेणुकामाता मंदिर में देवी को पहनाए गए सोने और चांदी के अलंकारों जैसी विशाल संपत्ति चोरी हो गई है। यहां सीसीटीवी कैमरा और पांच सुरक्षा रक्षक तैनात थे। तब भी चोरी कैसे हुई? यह प्रश्न ही है। कुल मिलाकर सुरक्षा व्यवस्था की त्रुटियों का लाभ उठाकर चोरी की जा रही है।
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हिन्दुओं के मंदिरों में ही चोरी क्यों होती है?
श्री रेणुकामाता मंदिर ही नहीं, पिछले महीने में डोंबिवली के श्रीराम मंदिर में भी सीसीटीवी होते हुए भी चोरी हुई। अतः मंदिर प्रबंधन इस भ्रम में न रहे कि सुरक्षा रक्षक और सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं, तो चोरी नहीं होगी। मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा अथवा अन्य पंथों के प्रार्थनास्थलों में चोरी होने के समाचार कभी नहीं आते; तो केवल हिन्दुओं के मंदिरों में ही चोरी क्यों होती है? देवनिधि सुरक्षित रखना, मंदिर प्रबंधन और भक्तों का कर्तव्य है। हिंदू समाज को मंदिरों में हो रही चोरियों के विषय में सतर्क रहने की आवश्यकता है। महाराष्ट्र शासन को भी मंदिरों में हो रही चोरियों के विषय में एक नीति निर्धारित कर चोरियां रोकनी चाहिए।
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