मंदिरों को मद्य-मांस मुक्त कराने कानूनी लड़ाई लड़ेगा महाराष्ट्र मंदिर महासंघ

फिल्मों का चित्रीकरण (शूटिंग) देशभर के पौराणिक एवं ऐतिहासिक मंदिरों के परिसर में होता है । इस चित्रीकरण के समय मंदिरों की पवित्रता, मंदिरों की वस्त्रसंहिता तथा मंदिर परिसर के नियमों का पालन नहीं होता ।

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‘श्री रामनाथ देवस्थान’, फोंडा, गोवा के ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ स्थल पर महाराष्ट्र मंदिर महासंघ की कोर कमिटी की बैठक में मंदिर परिसर को स्वच्छ एवं सात्त्विक बनाने हेतु उसे ‘मद्य-मांस मुक्त’ करने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ने का फैसला लिया गया।  जलगांव में ‘महाराष्ट्र मंदिर न्यास परिषद’ में  ‘महाराष्ट्र मंदिर महासंघ’ की स्थापना होने के चार माह में ही महाराष्ट्र के 131 मंदिरों में वस्त्रसंहिता (ड्रेस कोड) लागू कर दी गई है।

‘महाराष्ट्र मंदिर महासंघ’के समन्वयक सुनील घनवट ने बताया कि इस दौरान ‘मंदिर सुप्रबंधन’, ‘मंदिर संरक्षण’ एवं ‘मंदिर सरकारीकरण एवं अतिक्रमणों से मुक्ति’ आदि विविध विषयों पर चर्चा एवं विचार मंथन किया गया । घनवट ने बैठक की विस्तृत जानकारी देते कहा कि विविध फिल्मों का चित्रीकरण (शूटिंग) देशभर के पौराणिक एवं ऐतिहासिक मंदिरों के परिसर में होता है । इस चित्रीकरण के समय मंदिरों की पवित्रता, मंदिरों की वस्त्रसंहिता तथा मंदिर परिसर के नियमों का पालन नहीं होता । इन नियमों का पालन होने के लिए विविध मंदिरों को निवेदन देकर उसके लिए प्रयत्न किए जानेवाले हैं । इसके साथ ही जिला स्तर से लेकर गांव-गांव तक पुजारी संपर्क अभियान चलाएंगे । इससे मंदिर-पुजारियों का संगठन करने का निर्णय इस बैठक में लिया गया ।

वर्ष 1995 में वक्फ बोर्ड की स्थापना हुई । उनके कर्मचारियों को ‘पब्लिक सर्वंट’का दर्जा दिया गया है । उसी के आधार पर सरकार को हिन्दू मंदिर एवं तीर्थक्षेत्रों का भी ‘हिन्दू बोर्ड’ स्थापित करने और उन्हें भी विशेष सुविधा दी जाए । इसके साथ ही मंदिरों का धन मंदिरों के लिए अथवा हिन्दू धर्म के लिए ही उपयोग में लाया जाए । भारत की ‘सेक्युलर’ सरकार केवल हिंदुओं के मंदिरों को हथिया कर, उसका धन हडपने अथवा मंदिरों की प्राचीन परंपराएं बदलने का प्रयत्न करती है; परंतु वे मस्जिद अथवा चर्च सरकार के नियंत्रण में नहीं ला सकतीं । इसलिए  सरकार देश के सभी मंदिर सरकारीकरण से मुक्त करे’’, ऐसी मांग भी बैठक में की गई।

इस बैठक के लिए गोवा के गोमंतक मंदिर महासंघ के सचिव जयेश थली, महाराष्ट्र के ज्योतिर्लिंग श्री भीमाशंकर देवस्थान के अध्यक्ष अधिवक्ता सुरेश कौदरे, विदर्भ देवस्थान समिति के सचिव अनूप जयस्वाल, महाराष्ट्र एवं गोवा बार काउंसिल के भूतपूर्व अध्यक्ष अधिवक्ता भरत देशमुख, मंगलग्रह सेवा संस्थान के शरद कुलकर्णी, नगर की श्री भवानी माता मंदिर के अधिवक्ता अभिषेक भगत, नागपुर के श्री बृहस्पति मंदिर के विश्वस्त रामनारायण मिश्र एवं संकटमोचन पंचमुखी हनुमान मंदिर के दिलीप कुकडे सहित 40 मान्यवर उपस्थित थे ।

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