आतंकवाद विरोधी दस्ते में है किसका आतंक? जानने के लिए पढ़ें ये खबर

जिस विभाग पर प्रदेश में आतंक रोकने की जिम्मेदारी है, उस विभाग के अधिकारी-कर्मचारी खुद आतंकित हैं। इस स्थिति में वे किस तरह अपनी जिम्मेदारी निभा पाएंगे, इस बात को समझा जा सकता है।

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मुंबई पुलिस के अधिकारियों में अंदरुनी रंजिश और खींचतान कोई नई बात नहीं है। लेकिन अगर विभाग का मुखिया ही अपने विभाग के भीतर तानाशाही करता है, तो मामला चिंताजनक है। मुंबई पुलिस के आतंकवाद विरोधी दस्ता में काम करने वाले अधिकारी और कर्मचारी कथित रूप से हर दिन इसका अनुभव कर रहे हैं। इस बारे में एटीएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सीधे प्रदेश के गृह मंत्री दिलीप वलसे-पाटील को पत्र लिखा है। पत्र में यह कहा गया है कि गृह मंत्री को इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है। जहां पुलिस बल पर पहले ही परमबीर सिंह और सचिन वाझे के कारण बदनामी के धब्बा लग चुका है, वहीं पुलिस बल में आतंक का मामला सामने आना चिंता की बात है।

भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने जताई चिंता, विधानभवन में उठाने की कही बात
भारतीय जनता पार्टी के विधायक अतुल भातखलकर ने इसे लेकर अपनी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा है, “यह चौंकाने वाली बात यह है कि एटीएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपने नाम के साथ इस बारे में पत्र लिखा है। इसकी जांच की जरूरत है। आतंक विरोधी दस्ते का यह स्थिति बेहद चिंताजनक है। यह बेहद कष्टदायक है। एटीएस में वर्षों से कई पद खाली हैं और निकट भविष्य में उन पदों को भरे जाने के लिए कोई कदम भी नहीं उठाए जा रहे हैं। जिस सरकार के मंत्री का संबंध अंतरराष्ट्रीय अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से हो, उस सरकार से उम्मीद भी क्या की जा सकती है? यह मुद्दा मैं विधानसभा में उपस्थित कर सरकार से जवाब मांगूगा।”

पत्र में क्या है?
“तुम पागल हो, तुम नालायक हो, तुम्हें कुछ नहीं आता, तुम्हें कंट्रोल रूम में भेज देता हूं, तुम मेरे सामने फिर मत आना, मैं तुम्हें सस्पेंड कर दूंगा।” इस तरह से विभाग प्रमुख दस्ते के अधिकारियों और कर्मचारियों का अपमान करता है। वह उन्हें खुलेआम धमकी देता है। वह उनके काम और मेहनत का जरा भी सम्मान नहीं करता है। वह अपने स्टाफ के साथ ऐसा व्यवहार करता है, जैसे वे कोई अपराधी हों। इससे स्टाफ का मनोबल गिरता है। इस तरह के गंभीर आरोप पत्र में लगाए गए हैं। पत्र में मामले की जांच कर उचित निर्णय लेने की मांग की गई है। जब इस बारे में जब एटीएस के उपायुक्त राजकुमार शिंदे से पूछा गया तो  उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

कई अधिकारी-कर्मचारी कर सकते हैं सुसाइड
कुछ आईपीएस अधिकारी भी इस स्थिति से दिमागी तौर पर प्रभावित हैं। विभाग प्रमुख के इस व्यवहार के चलते कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने अपनी बदली करवा ली है। पत्र में चेतावनी दी गई है कि एटीएस में इस अधिकारी के लगातार बढ़ती तानाशाही के कारण कई अधिकारी और कर्मचारी आत्महत्या तक कर सकते हैं। पत्र में मामले की जांच कराने और विभाग प्रमुख पर उचित कार्रवाई करने की मांग की गई है।

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