Malegaon Blast Case: मालेगांव विस्फोट 2008 मामला कांग्रेस शासन(Congress rule) के दौरान काफी गरमा गया था। इस घटना के बाद पहली बार इसे ‘हिंदू आतंकवाद'(Hindu terrorism) के रूप में परिभाषित किया गया था। साध्वी प्रज्ञा सिंह और कर्नल प्रसाद पुरोहित(Sadhvi Pragya Singh and Colonel Prasad Purohit) सहित कुल 12 हिंदू समर्थक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार(Total 12 pro-Hindu activists arrested) किया गया। इस मामले की जांच के बाद कई संदेह व्यक्त किये गये। एक ओर जहां मुस्लिम आतंकवाद(Muslim terrorism) बढ़ रहा था, वहीं कांग्रेस ने मुसलमानों के प्रति सहानुभूति पैदा करने के लिए जानबूझकर हिंदू आतंकवाद का नैरेटिव(Narrative of Hindu terrorism) सेट किया और इसके लिए यह आरोप लगने लगे कि मालेगांव बम विस्फोट की साजिश उसी ने रची थी।
यह मामला आज भी न्यायालय में विचाराधीन है क्योंकि जांच में कोई प्रगति नहीं हुई है। इस कारण इस मामले (मालेगांव ब्लास्ट) के आरोपी फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। लेकिन अब समाचार वेबसाइट एबीआई (abinewz.com) ने गंभीर खुलासा किया है। उसकी खबर के अनुसार बम विस्फोट को मालेगांव आए कुख्यात गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम ने अंजाम दिया था। कहा जाता है कि कर्नल प्रसाद पुरोहित को सेना के अधिकारियों ने ही फंसाया था।
भगवा आतंकवाद की योजना
यह साबित हो चुका है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई, इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक, आतंकवादी दाऊद इब्राहिम और कांग्रेस नेताओं ने मालेगांव विस्फोट की साजिश रची थी। एबीआई (abinewz.com) ने इस मामले में खुलासे करते हुए इसके 4 भाग जारी किए हैं। पहले भाग में कहा गया है कि कुख्यात गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम मालेगांव आया था और मालेगांव में बैठकर बम विस्फोट का षड्यंत्र रचा था तथा इसे भगवा आतंकवाद नाम दिया था। चौथे भाग में यह खुलासा गंभीर तरीके से किया गया है कि कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित को सेना की मिलिट्री इंटेलिजेंस (एमआई) के कर्नल आरके श्रीवास्तव और इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के अधिकारी संजय गर्ग ने फंसाया था।
कर्नल आरके श्रीवास्तव का बड़ा षड्यंत्र
आर.के. श्रीवास्तव उस समय मिलिट्री इंटेलिजेंस-9 के निदेशक थे। वह सेना मुख्यालय में तैनात थे। एक दिन वे मध्य प्रदेश के पंचमढ़ी स्थित ए.ई.सी. प्रशिक्षण महाविद्यालय एवं केन्द्र पहुंचे। कर्नल प्रसाद पुरोहित पहले से ही यहां अरबी सीख रहे थे। आरके श्रीवास्तव ने एईसी प्रशिक्षण कॉलेज एवं केंद्र के प्रभारी लेफ्टिनेंट (कर्नल) जीसी मोहंता से कहा कि उन्हें कर्नल प्रसाद पुरोहित को दिल्ली स्थित सेना मुख्यालय ले जाना होगा। बताया गया कि यह आदेश मुख्यालय से आया है। मालेगांव विस्फोट मामले में कुछ पूछताछ के बाद कर्नल प्रसाद पुरोहित को रिहा कर दिया जाएगा। कर्नल प्रसाद पुरोहित को दिल्ली स्थित सेना मुख्यालय में सैन्य खुफिया निदेशालय के एमआई-20 के निदेशक को रिपोर्ट करना था।मूवमेंट ऑर्डर के अनुसार कर्नल प्रसाद पुरोहित को पंचमढ़ी से दिल्ली जाना था। लेकिन 29 अक्टूबर 2008 को आरके श्रीवास्तव उन्हें टैक्सी से पंचमढ़ी से भोपाल एयरपोर्ट लेकर आए। वे कर्नल प्रसाद पुरोहित को भोपाल हवाई अड्डे से मुंबई ले आये। आरके श्रीवास्तव ने प्रसाद पुरोहित का मोबाइल फोन पहले ही छीन लिया था। कर्नल प्रसाद पुरोहित से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मूवमेंट ऑर्डर के अनुसार उन्हें दिल्ली मुख्यालय जाना है।
जान से मारने की दी धमकी
आरके श्रीवास्तव ने कर्नल प्रसाद पुरोहित को जान से मारने की धमकी देकर चुप करा दिया। उनसे कहा गया कि वे केवल अपने वरिष्ठों के आदेशों का पालन करें। आरके श्रीवास्तव इस पद पर कर्नल प्रसाद पुरोहित से वरिष्ठ थे। चूंकि सेना में अनुशासन को प्राथमिकता दी जाती है, इसलिए कर्नल प्रसाद पुरोहित चुप रहे। महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के अधिकारियों और आईबी अधिकारी संजय गर्ग ने कर्नल प्रसाद पुरोहित को मुंबई हवाई अड्डे के बाहर हिरासत में लिया। वेबसाइट एबीआई (abinewz.com) ने कहा कि उन सभी ने कर्नल प्रसाद पुरोहित को एक सफेद टाटा सूमो में बोरे की तरह फेंक दिया।
मालेगांव विस्फोट मामले से जोड़ा नाम
बाद में यह साबित हुआ कि आरके श्रीवास्तव ने अपना गलत मूवमेंट ऑर्डर जारी किया था। इस मामले में, आवागमन आदेश के अनुपालन हेतु निर्धारित नियमों व विनियमों का भी उचित रूप से पालन नहीं किया गया। वेबसाइट एबीआई (abinewz.com) के अनुसार, वे धोखे से कर्नल प्रसाद पुरोहित को मुंबई ले आए और उन्हें महाराष्ट्र एटीएस तथा आईबी अधिकारी संजय गर्ग को सौंप दिया। 29 सितम्बर 2008 को मुम्बई से 200 किलोमीटर दूर नासिक जिले के मुस्लिम बहुल उपनगर मालेगांव में एक मस्जिद के पास मोटरसाइकिल बम विस्फोट हुआ। विस्फोट में 6 लोग मारे गए और लगभग 100 अन्य घायल हो गए। इस घटना से कर्नल प्रसाद पुरोहित का नाम जोड़ कर षड्यंत्र के कहत फंसाया गया।