मणिपुर के मुख्यमंत्री नोंगथोम्बम बीरेन सिंह(Manipur Chief Minister Nongthombam Biren Singh) ने मोरेह हमले(moreh attack) के पीछे म्यांमार के उग्रवादी गिरोह के शामिल होने का संदेह(Suspected involvement of Myanmar militant gang) व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री 2 जनवरी को क्षेत्र में शांति व्यवस्था बहाल करने का प्रयास करते समय ड्यूटी के दौरान घायल हुए सुरक्षा कर्मियों की स्थिति का जायजा लेने के लिए क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान (Rims) अस्पताल का दौरा कर रहे थे।
म्यांमार के उग्रवादी संगठन का हाथ
इस दौरान मीडिया से बात करते हुए बीरेन सिंह ने कहा कि उन्होंने आतंकवादी समूहों(Terrorist groups) द्वारा लीक किए गए कुछ वीडियो देखे हैं। इससे यह आभास होता है कि इस हमले के पीछे म्यांमार के उग्रवादी संगठन का हाथ(extremist organizations involved) है। उन्होंने कहा कि हम केंद्रीय और राज्य बलों के साथ काम कर रहे हैं। हम उनका मुकाबला कर रहे हैं और तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। यह राज्य के लोगों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है कि हम इस तरह की धमकी और दबाव के आगे नहीं झुकेंगे।
हिंसक झड़पों में भारी नुकसान
इसके अलावा मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने जोर देकर कहा कि मोरेह में हाल के हमले में म्यांमार की ओर से विदेशी मशीनरी, कुकी नेशनल आर्मी (केएनए-बी) शामिल होने की संभावना है। हिंसक झड़पों के दौरान सुरक्षा बलों को आतंकवादियों के साथ कई मुठभेड़ों का सामना करना पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप दोनों पक्षों को नुकसान हुआ। 1 जनवरी को कुकी आतंकवादियों ने कमांडो इकाइयों और गांव के स्वयंसेवकों पर हमला किया, जिसमें कम से कम पांच लोग घायल हो गए। एक राइफलमैन समेत इन घायल कमांडो जवानों को इलाज के लिए रिम्स अस्पताल के विभिन्न वार्डों में भर्ती कराया गया है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मणिपुर पुलिस, मणिपुर राइफल्स के साथ ही असम राइफल्स, भारतीय सेना के साथ-साथ रैपिड एक्शन फोर्स की कंपनियों की तैनाती की गई है।
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