मणिपुर हिंसा के बाद मैतेई समाज की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ी है। मैतेई समाज के लोग पड़ोसी मिजोरम में शिक्षा ले रहे हैं और कई सरकारी कर्मचारी भी हैं। मणिपुर के इन मैतेई लोगों के लिए यहां भी खतरा बढ़ गया है। मैतेई समाज के लोगों को पीस एकॉर्ड एमएनएफ रिटर्नीज़ एसोसिएशन (पीएएमआरए या पामरा) ने मिजोरम छोड़ने की सलाह दी थी। इसे देखते हुए मणिपुर सरकार इन नागरिकों को हवाई मार्ग से आइजोल से असम ले जाएगी।
सुरक्षा को लेकर चिंता
मणिपुर हिंसा के बीच आइजोल में रहने वाले एक मैतेई छात्र नेता ने बताया कि मणिपुर में बढ़ते तनाव के बीच दो नग्न महिलाओं की वीडियो वायरल होने के बाद मिजोरम के पामरा संगठन ने सुरक्षा कारणों से मैतेई लोगों को राज्य छोड़ने के लिए संक्षिप्त रूप से एक धमकी जारी की है। उन्होंने कहा कि इसे देखते हुए मणिपुर सरकार ने आज मैतेई लोगों को हवाई मार्ग से निकालने का फैसला किया है, लेकिन ऐसा कब होगा इसकी पुष्टि होना अभी बाकी है।
बढ़ी सुरक्षा व्यवस्था
छात्र नेता ने कहा कि हालांकि, धमकी जारी होने के बाद मिजोरम पुलिस ने राज्य के आइजोल शहर में मैतेई नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक सख्त कदम उठाए हैं। पामरा की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि स्टेट (मिजोरम) सेलेसिह वेट्टी कॉलेज, तनहरिले मिजोरम यूनिवर्सिटी, रिपंस, जेमाबाक और जेडएमसी में बड़ी संख्या में मैतेई हैं। इसलिए उस शिक्षण संस्थान में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। छात्र नेता ने कहा कि सशस्त्र अर्धसैनिक बल 24 घंटे गश्त कर रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि मणिपुर में जारी अशांति के बीच मिजो स्टूडेंट्स यूनियन (एमएसयू) ने भी मिजोरम के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में मैतेई जनगणना की घोषणा की है। माना जाता है कि ऐसी स्थिति में मैतेई नागरिकों की सुरक्षा से को लेकर दिक्कत हो सकती है।
पामरा ने कहा धमकी नहीं
मैतेई समाज के लोगों को पामरा Peace Accord MNF Returnees Association (PAMRA) की ओर से दी गई धमकी के बाद ने गृह सचिव पु एच ललेंगमाविया ने पामरा सदस्यों के साथ बैठक की। इसमें पामरा के सदस्यों ने स्पष्ट किया कि, उनके द्वारा जारी प्रेस स्टेटमेंट मिजोरम में रहनेवाले मैतेई समाज के लोगों की सुरक्षा के लिए सलाह मात्र थी। उन्होंने कहा कि, मणिपुर की घटनाओं को देखते हुए जनभावनाओं में मैतेई समाज के लोगों के साथ कोई घटना हो सकती है। इस बैठक के बाद पामरा और सरकार की ओर से कहा गया है कि, मिजोरम से किसी छात्र, कर्मचारी या अन्य लोगों को जाने की आवश्यकता नहीं है।