मणिपुर में एक चौंकाने वाली घटना में लामसांग पुलिस स्टेशन के इरोइसेम्बा में भीड़ द्वारा हिंसक हमला किया गया, परिणामस्वरूप तीन लोगों की मौत हो गई।
खबरों के मुताबिक, फायेंग से इंफाल पश्चिम की ओर तीन लोगों को ले जा रही एक एम्बुलेंस और एक मारुति जिप्सी को भीड़ ने रोक लिया।
मृतकों में 8 साल का बच्चा भी शामिल
सूत्रों के अनुसार जिन तीन पीड़ितों को जिंदा जला दिया गया, उनमें एक नाबालिग था, जिसकी उम्र करीब 8 साल बताई जा रही है। बाद में भीड़ ने एंबुलेंस को आग के हवाले कर दिया। यह दर्दनाक घटना 4 जून की शाम करीब साढ़े छह बजे की बतायी गयी है।
सुबह से ही हिंसा जारी
हिंसक भीड़ बीते 4 जून की सुबह से ही हिंसा और उपद्रव मचाना आरंभ कर दिया। इस दौरान सुबह के शुरुआती घंटों में, बदमाशों ने कांग्रेस के विधायक रंजीत के आवास सहित काकचिंग जिले के सुगनू क्षेत्र में दो गांवों में आग लगा दी थी। सूत्रों ने बताया है कि इस घटना में विधायक का घर आंशिक रूप से जल गया था, जिससे क्षेत्र में और तनाव और अशांति फैल गई।
चार विधायकों को बंधक बनाने की खबर
इससे पहले, बीते तीन जून को लगभग 4:30 बजे, सत्तारूढ़ भाजपा के तीन सहित मणिपुर के चार विधायकों को सुगनू बाजार महिला कांग्रेस भवन में स्थानीय लोगों द्वारा कथित रूप से बंधक बना लिया गया था। बंधक बनाये गए विधायकों में समूह के एकमात्र गैर-भाजपा विधायक रंजीत भी थे। उनका नेतृत्व मंत्री वाई केमचंद ने किया, जिन्होंने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से मिलने और सुगनू से असम राइफल्स शिविर के स्थानांतरण पर चर्चा करने की अनुमति मांगी। राज्य के विभिन्न हिस्सों में रह-रहकर हिंसा की खबरें सामने आ रही हैं। हिंसा की घटनाएं बीते 3 मई से आरंभ हुई थीं।