Maratha Reservation: मनोज जारांगे का स्वास्थ्य स्थिर, छत्रपति संभाजीनगर के अस्पताल में चल रहा इलाज

मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जारांगे ने मराठों के लिए ओबीसी कोटा की मांग को लेकर 29 अगस्त को जालना जिले के अंतरवाली सारती गांव में अपनी भूख हड़ताल शुरू की थी।

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मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) की मांग को लेकर 16 दिन की भूख हड़ताल (Hunger Strike) पर बैठे मनोज जारांगे (Manoj Jarange) को रविवार को महाराष्ट्र (Maharashtra) के छत्रपति संभाजीनगर (Chhatrapati Sambhajinagar) के एक अस्पताल (Hospital) में भर्ती कराया गया। एक डॉक्टर (Doctor) ने यह जानकारी दी। डॉक्टर ने कहा कि जारेंज का ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) थोड़ा कम है। लेकिन, उनके समग्र स्वास्थ्य मानक सामान्य हैं।

जारांगे का इलाज कर रहे डॉक्टर ने मीडिया को बताया, भूख हड़ताल के दौरान जारांगे का वजन 8-10 किलो कम हो गया है। उनका ब्लड प्रेशर थोड़ा कम है। रविवार को किडनी फंक्शन टेस्ट सामान्य रहा। “भूख हड़ताल के दौरान उनका सीरम क्रिएटिनिन केएफटी में थोड़ा अधिक था।”

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29 अगस्त को भूख हड़ताल शुरू कर दी
उन्होंने कहा कि जारेंज गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में नहीं हैं और अगर उन पर किए गए कुछ और परीक्षणों के नतीजे सामान्य आते हैं, तो उन्हें छुट्टी दे दी जाएगी। आपको बता दें कि जारांगे ने मराठों के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण की मांग को लेकर 29 अगस्त को जालना जिले के अंतरवाली सारती गांव में अपनी भूख हड़ताल शुरू की थी।

14 सितंबर को अपनी भूख हड़ताल खत्म की
गौरतलब हो कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उनसे मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि सरकार मराठों को आरक्षण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसके बाद उन्होंने 17वें दिन यानी 14 सितंबर को अपनी भूख हड़ताल समाप्त कर दी।

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