मनसुख हिरेन मौत मामलाः सचिन वाझे की गिरफ्तारी के बाद अब किसकी बारी!… जानने के लिए पढ़ें ये खबर

मनसुख हिरेन मौत मामले में एनआईए ने जांच तेजी से बढ़ाते हुए आरोपियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।

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मनसुख हिरेन मौत मामले में मुंबई पुलिस के सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाझे की मुश्किलें एक के बाद एक बढ़ती जा रही हैं। एनआईए द्वारा 13 मार्च की रात की गई गिरफ्तारी के बाद विपक्ष का आक्रमण और तेज हो गया है। इसके साथ ही इस मामले में क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट के चार सदस्य भी एनआई के रडार पर हैं। ये सभी वाझे की टीम के सदस्य हैं। फिलहाल एनआईए की तीन टीम ठाणे पहुंची है। इस मामले में जल्द ही कुछ और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

इस बीच विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर ने जल्द से जल्द सचिन वाझे के निलंबन की मांग की है। उन्होंने कहा है कि जो पुलिस अधिकारी गिरफ्तार किया जा चुका है, उसे सेवा में रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार से उसे जल्द से जल्द निलंबित करने की मांग की है।

पुलिस आयुक्त और गृह मंत्री को हटाने की मांग
भाजपा नेता किरीट सोमैया ने सचिन वाझे की गिरफ्तारी के बाद मुबंई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह और गृह मंत्री अनिल देशमुख को हटाए जाने की मांग की है। उन्होंने दावा किया कि मुबंई पुलिस आयुक्त वाझे को बचाने की कोशिश कर रहे हैं और उन्हें इसका हिसाब देना होगा। सोमैया ने कहा कि इस मामले में अभी बहुत कुछ सामने आना बाकी है। वे सब एक-एक कर अब बाहर आएंगे।

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नार्को टेस्ट कराने की मांग
भाजपा विधायक राम कदम ने वाझे के नार्को टेस्ट कराने की मांग की है। उन्होंने महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर वाझे के नार्को टेस्ट कराए जाने की मांग की। राम कदम ने कहा कि अगर इस मामले में कोई छिपाने वाली बात नहीं है तो वाझे के नार्को टेस्ट होना चाहिए। उन्होंने कहा है कि वाझे के नार्को टेस्ट कराए जाने पर सरकार के कई बड़े अधिकारियों और मंत्रियों के नाम सामने आएंगे। इसी डर से तमाम सबूतों के बावजूद सरकार पत्रकार परिषद लेकर वाझे को बचाने की कोशिश कर रही है।

बजट सत्र में विपक्ष ने अपनाया था आक्रामक रुख
बता दें कि बजट सत्र के दौरान विपक्ष ने मनसुख हिरेन मौत मामले में लगातार सचिन वाझे की गिरफ्तारी की मांग की थी। विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि सेवा में रहने पर वाझे जांच को प्रभावित कर सकते हैं। उन्होंने मामले की जांच एनआईए से भी कराने की मांग की थी। विपक्ष की दोनों मांगें पूरी होने से अब उसका मनोबल बढ़ गया है।

ये है मामला
बता दें कि 25 फरवरी को उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित एंटीलिया के पास से एक स्कॉर्पियो कार में बड़े पैमाने पर जिलेटिन की छड़ें और एक धमकी लिखा पत्र मिलने के बाद हड़कंप मच गया था। उसके कुछ दिन बाद इस कार के तथाकथित मालिक मनसुख हिरने का शव मुंब्रा की खाड़ी से बरामद किया गया था। उनकी पत्नी विमला हिरेन और अन्य संबंधियों ने इस मामले में एपीआई सचिन वाझे को शामिल होेने का आरोप लगाया था। उसके बाद विपक्ष ने बजट सत्र के दौरान इस मुद्दे को आक्रामक ढंग से उठाया था और मामले की जांच एनआईए से कराने की मांग की थी।

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