वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल (GST Council) की बैठक (55वीं जीएसटी काउंसिल मीटिंग) में कई बड़े फैसले लिए गए। बीमा उत्पादों (Insurance Products) पर कर की दर कम करने के साथ-साथ ऐप-आधारित प्लेटफार्मों के माध्यम से भोजन वितरण पर कर लगाने का निर्णय स्थगित कर दिया गया है। इसलिए पॉपकॉर्न (Popcorn) पर स्वाद के हिसाब से टैक्स (Tax) लगाने का फैसला किया गया।
निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई बैठक में कुछ वस्तुओं पर जीएसटी दरें बढ़ाने और कुछ पर टैक्स घटाने का फैसला किया गया। आइए देखें क्या है सस्ता या महंगा?
पुरानी गाड़ियों पर बढ़ा जीएसटी
पुरानी कारों पर जीएसटी दर बढ़ाकर 18 फीसदी कर दी गई है। लेकिन इसका असर सिर्फ कंपनियों पर पड़ेगा। क्योंकि जीएसटी दरें केवल व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल की गई कारों की खरीद और बिक्री पर बढ़ाई गई हैं। इसमें इलेक्ट्रिक वाहन भी शामिल होंगे। लेकिन अगर कोई आम नागरिक पुराने वाहन खरीदता और बेचता है तो जीएसटी दर 12 प्रतिशत होगी।
बीमा और ऑनलाइन भोजन ऑर्डर
स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा पर जीएसटी दर घटाने का फैसला टाल दिया गया है। इसके साथ ही जोमैटो और स्विगी जैसी जगहों से ऑनलाइन खाना ऑर्डर करने पर जीएसटी दर घटाने का प्रस्ताव भी टाल दिया गया है।
पॉपकॉर्न पर जीएसटी
जीएसटी काउंसिल की बैठक में पॉपकॉर्न पर टैक्स लगाने पर भी स्थिति साफ हो गई है। कैरामेलाइज़्ड पॉपकॉर्न पर 18 प्रतिशत कर जारी रहेगा। प्री-पैकेज्ड और मसालेदार पॉपकॉर्न पर 12 प्रतिशत टैक्स लगेगा। इसलिए अनपैक्ड और अनलेबल्ड पॉपकॉर्न पर 5 प्रतिशत टैक्स लगेगा।
क्या सस्ता, क्या महंगा?
1 – होटल और रेस्टोरेंट पर लगने वाले 18 फीसदी जीएसटी में कोई बदलाव नहीं किया गया है। जीएसटी को 5 फीसदी करने का प्रस्ताव रखा गया।
2 – नमक और मसालों के साथ तैयार तैयार पॉपकॉर्न पर 5 प्रतिशत जीएसटी (गैर-प्री-पैक्ड)। प्री-पैकेज्ड और लेबल वाले पॉपकॉर्न पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा, जबकि कैरामेलाइज़्ड पॉपकॉर्न पर 18 प्रतिशत टैक्स लगेगा।
3 – नए ईवी वाहनों पर 5 प्रतिशत जीएसटी है और व्यक्तिगत स्तर पर बेची गई पुरानी ईवी कारों पर कोई जीएसटी नहीं है। लेकिन अगर कोई कंपनी पुरानी ईवी, पेट्रोल, डीजल गाड़ियां बेचती है तो काउंसिल ने मार्जिन पर जीएसटी रेट बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया है।
4 – सार्वजनिक वितरण के लिए उपयोग किये जाने वाले चावल के आटे पर कर 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया।
5 – जीएसटी उन उधारकर्ताओं पर बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों द्वारा लगाए गए दंडात्मक शुल्क पर लागू नहीं होगा जो ऋण शर्तों पर चूक करते हैं।
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