जालना जिले में मराठा आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया है। इसी दौरान मराठा विरोध मार्च पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया है। इससे राज्य में माहौल गरमा गया है और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जांच के आदेश दिए है। शरद पवार जल्द ही प्रदर्शनकारियों से मुलाकात करने वाले है।
मराठा समुदाय (जालना मराठा आंदोलन) ने अंबाद तालुका के अंतरवाली सराती में भूख हड़ताल शुरू की है। इसी दौरान कथित तौर पर पुलिस पर पथराव किया गया। इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर दिया। पुलिस और ग्रामीण घायल हुए हैं।
अब तक 50 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं
जालन में हुई घटना का असर प्रदेश में देखने को मिल रहा है। जालना, बीड, संभाजीनगर में तनाव का माहोल है। 1 सितंबर को धुले-सोलापुर हाईवे पर 14 कारों को आग लगा दी गई। जानकारी के अनूसार, अब तक 50 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। घटना के बाद पुलिस ने शांति की अपील की है।
मुख्यमंत्री ने मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए
इस घटना पर उदयराजे भोसले ने प्रतिक्रिया दी है और दोषी पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। उधर, उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि पथराव के बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया।
जालना में देवेन्द्र फड़णवीस का पुतला जलाया गया है। नंदुरबार (जालना मराठा आंदोलन) में एक एसटी बस जला दी गई है। इस बीच, नंदुरबार और जालन्या में एसटी बस यात्राएं रद्द कर दी गई हैं। सोलापुर में भी आगजनी की घटना हुई है। राज्य में मराठा (जालना मराठा आंदोलन) आंदोलन को और धार मिलने की संभावना है।
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