Uttar Pradesh: झांसी के अस्पताल में भीषण आग, 10 नवजात बच्चों की मौत; मुख्यमंत्री ने 12 घंटे में मांगी जांच रिपोर्ट

मेडिकल कॉलेज पहुंचे जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने बताया कि प्रथम दृष्टया उपस्थित मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों के अनुसार 10 बच्चों की मौत की पुष्टि हुई है।

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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के झांसी मेडिकल कॉलेज (Jhansi Medical College) में देररात करीब 10 बजकर 45 मिनट पर नवजात शिशु (Newborn Baby) गहन चिकित्सा केंद्र शॉर्ट सर्किट (Short Circuit) के चलते आग (Fire) लग गई। इस हादसे में केंद्र में भर्ती 10 बच्चों की मौत (Death) हो गई। 37 बच्चों को सुरक्षित निकाल लिया गया। घटना की जांच मंडलायुक्त (Investigation Divisional Commissioner) और डीआईजी के नेतृत्व में की जा रही है। 12 घंटे में इसकी रिपोर्ट सौंपने के निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने दिए हैं।

मेडिकल कॉलेज पहुंचे जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने बताया कि प्रथम दृष्टया उपस्थित मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों के अनुसार 10 बच्चों की मौत की पुष्टि हुई है। नवजात शिशु गहन चिकित्सा केंद्र में कुल 54 बच्चे भर्ती थे। आग संभवतः शॉर्ट सर्किट के कारण लगी। जो बच्चे अंदर की ओर भर्ती थे उन्हें बचाने में कठिनाई हुई। बाहर की ओर भर्ती बच्चों को सुरक्षित निकाल लिया गया।

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अधिकांश बच्चों को बचा लिया गया
उन्होंने बताया कि घटना की जांच मंडलायुक्त विमल दुबे और डीआइजी कलानिधि नैथानी के नेतृत्व में गठित टीम कर रही है। इसकी रिपोर्ट 12 घंटे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपी जाएगी। डीआईजी कलानिधि नैथानी ने बताया कि आग पर काबू पा लिया गया है। मंडलायुक्त विमल कुमार दुबे ने बताया कि आग अंदर वाले हिस्से में लगी। अधिकांश बच्चों को बचा लिया गया है।

उपमुख्यमंत्री पाठक ने लिया संज्ञान
ब्रजेश पाठक ने कहा कि नवजात शिशुओं की मौत दुर्भाग्यपूर्ण है। हर पहलू से जांच कराई जा रही है। पहली जांच प्रशासनिक स्तर पर होगी। इसे स्वास्थ्य विभाग करेगा। दूसरी जांच पुलिस प्रशासन करेगा। अग्निशमन विभाग की टीम भी इसमें शामिल होगी। इसके अलावा मजिस्ट्रेट जांच के निर्देश भी दिए गए हैं। जांच में अगर कोई चूक पाई जाती है, तो जो भी जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सरकार बच्चों के परिजनों के साथ है।

उपमुख्यमंत्री पाठक ने कहा कि फरवरी में यहां अग्नि सुरक्षा ऑडिट किया गया था। जून में मॉक ड्रिल भी की गई थी। यह घटना कैसे हुई और क्यों हुई, जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इस बारे में कुछ कहा जा सकता है। सात नवजात शिशुओं के शवों की पहचान कर ली गई है, तीन की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है।

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