उपग्रह, उल्का पिंड या मिसाइल! क्या थी आकाश से आई वह चमकती वस्तु?

महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले से सौ किलोमीटर दूर सिंदेवाही में बड़े आकार की रिंग आकाश से गिरने की चर्चा है। वायरल वीडियो के अनुसार यह किसी उपग्रह का हिस्सा हो सकता है।

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महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के बड़े क्षेत्र में लोगों ने आकाश से कुछ गिरते हुई देखा। स्थानीय लोगों में से कइयों ने तो मोबाइल से इस घटना को कैद भी कर लिया। वैज्ञानिकों की जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि वह क्या था, परंतु महाराष्ट्र के आकाश से गिरी वस्तु किसी उपग्रह का मलबा होने की बात सामने आ रही है। जबकि मध्य प्रदेश के वैज्ञानिकों के अनुसार वह मिसाइल का मलबा नहीं बल्कि उल्का पिंड का हिस्सा रहा होगा।

महाराष्ट्र के विदर्भ और मध्य प्रदेश के भोपाल के अलावा मालवा निमांड अंचल के बड़वानी, बड़वाह, खंडवा और धार जिले शनिवार देर शाम आकाश से गिरता हुआ कुछ चमकता अवशेष दिखाई दिया। जिसने भी इस दृश्य को देखा वह अचंभित रह गया। यह रोशनी शाम 7:46 बजे के आसपास दिखाई दी। करीब 40 सेकंड तक दिखे इस नजारे को लोगों ने अपने मोबाइल से कैद कर लिया। साथ ही सोशल मीडिया पर भी पोस्ट किया। जिसके बाद वायरल पोस्ट को देख किसी ने इसे उल्कापिंड बताया, तो किसी ने इसे रॉकेट कहा।

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आकाश से गिरा मलबा रिंग जैसा
महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले से सौ किलोमीटर दूर सिंदेवाही में बड़े आकार की रिंग आकाश से गिरने की चर्चा है। वायरल वीडियो के अनुसार यह किसी उपग्रह का हिस्सा हो सकता है। इसी प्रकार मध्य प्रदेश के धार जिले के नालछा-बगड़ी क्षेत्र में भी शाम अचानक आसमान में मिसाइल जैसा चमकती हुई वस्तु दिखाई दी। तेज गति से निकलते हुए मिसाइल जैसे इस चमकीले अद्भुभूत चीज देखकर लोगों ने इसके वीडियो बनाए। चमकती हुई मिसाइल जैसे आसमान में तेज गति से जा रही थी जो कि जमीन की ओर बढ़ते हुए दिखाई दे रही थी। बाद में कुछ लोगों ने यह साफ किया कि यह मिसाइल नहीं उल्कापिंड है।

क्या कहते हैं स्थानीय जन?
बड़वानी निवासी दीपक मालवीय ने बताया कि हमने आसमान में तेज रफ्तार से जाती हुई एक चमकीली वस्तु देखी। ये काफी लंबी थी, बिल्कुल रॉकेट की तरह दिखाई दे रही थी। ऐसा लग रहा था जैसे कोई प्लेन क्रैश होकर गिर रहा हो। इससे आ रही रोशनी बेहद तेज थी। हमने इस तरह की कोई चीज जिंदगी में पहली बार देखी। हम इसे करीब एक मिनट तक देखते रहे। इसके बाद ये अचानक गायब हो गई। ये बेहद हैरान करने वाला वाकया रहा।

खंडवा में भी शनिवार रात आठ बजे के लगभग आसमान से गुजरती दो लाल रोशनी ने लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया। कई लोगों ने इसके वीडियो भी बनाए। कुछ ही समय में यह रोशनी ओझल हो गई। खंडवा से 12 किलोमीटर दूर स्थित सतवाड़ा निवासी रवींद्र पाटिदार ने बताया कि रात लगभग आठ बजे यह रोशनी नजर आई। जो आसमान में लगभग दो मिनट तक रही। रणजीत पाटीदार ने बताया अचानक लाइट हुई तो वीडियो बनाया। इसके बाद हरसूद, खालवा की तरफ जाते नजर आई। शिवना के आसपास भी गांव में इसे देखा गया।

खंडवा कलेक्टर अनूप कुमार सिंह का कहना है कि जिले में देर रात तक कहीं पर भी उल्का पिंड गिरने की सूचना प्राप्त नहीं हुई है। संबंधित अधिकारियों को जानकारी मिलने पर सूचित करने के लिए निर्देशित किया गया है।

पुच्छल तारे जैसे होतें हैं, गिरने पर बड़ी दूरी से दिखते हैं
भोपाल मौसम केंद्र के डिप्टी डायरेक्टर वेद प्रकाश सिंह के मुताबिक उन्हें मिली सूचना के मुताबिक खंडवा में उल्कापिंड गिरने की घटना सामने आई है। उल्कापिंड पुच्छल तारे के रूप में होते हैं। ये जब गिरते हैं तो इनकी चमक इतनी ज्यादा होती है कि 200 से 300 किलोमीटर के दायरे के लोग भी आसमान में इसे देखा जा सकता है। छोटे-छोटे उल्कापिंड की उम्र 100 साल या उसके आसपास होती है। ये सौर मंडल में चक्कर लगाते हुए किसी भी ग्रह के वायुमंडल में प्रवेश कर जाते हैं।

आकार बड़ा था इसलिए दिखा उल्कापिंड
वहीं, जीवाजी वैधशाला उज्जैन के अधीक्षक आरपी गुप्त ने बताया कि उल्कापिंड अक्सर टूटकर गिरते हैं और वायुमंडल में प्रवेश करते ही नष्ट हो जाते हैं। इस बार ये आकार में बड़ा था इसलिए इतना स्पष्ट दिखा। उनके मुताबिक उल्कापिंड में हवा के घर्षण से आग लग जाती है और इसके टुकड़े हो जाते हैं। 99 प्रतिशत ये पिंड वायुमंडल में ही जल जाते हैं इसलिए सामान्य तौर पर दिखाई नहीं देते। इसके टुकड़ों की कॉमन मार्केट में कोई वैल्यू नहीं होती लेकिन शोध के लिहाज से इसके टुकड़े दुनिया की सबसे महंगी चीज हैं।

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