मुंबई में हुए सुनील मोरे कांड की पुणे में पुनरावृत्ति हुई है। छत्तीसगढ़ से अपने प्रेमी के साथ भागकर पुणे आई 17 साल की नाबालिग लड़की के साथ रेलवे सुरक्षा बल के हेड कांस्टेबल और एक एनजीओ कार्यकर्ता ने 5 दिनों तक बलात्कार किया। इस घटना ने पुणे शहर को हदला कर रख दिया है। छत्तीसगढ़ पुलिस ने हेड कांस्टेबल और एनजीओ कर्मचारी के खिलाफ POCSO, बलात्कार और हिरासत में रखने का मामला दर्ज किया है। फिलहाल ये मामला पुणे लोहमार्ग पुलिस को स्थानांतरित कर दिया गया है।
पुणे लोहमार्ग पुलिस ने 31 अक्टूबर को एक एनजीओ कर्मचारी को गिरफ्तार किया है, जबकि हेड कांस्टेबल फरार है। उसकी गहन तलाश की जा रही है। पुणे लोहमार्ग उप-विभागीय पुलिस अधिकारी महेश देवीकर ने हिंदुस्तान पोस्ट को इस बारे में जानकारी दी। फरार हेड कांस्टेबल की पहचान अनिल पवार के रूप में हुई है, जबकि एजीओ कार्यकर्ता कमलेश तिवारी को गिरफ्तार कर लिया गया है। अनिल पवार रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) पुणे में कार्यरत था। कमलेश तिवारी पुणे में एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) में काम करता था।
यह है मामला
छत्तीसगढ़ की एक 17 वर्षीय लड़की 9 सितंबर को अपने प्रेमी के साथ भाग गई और 12 सितंबर को दोनों पुणे रेलवे स्टेशन पर पहुंचे। इस बीच रेलवे सुरक्षा बल के हेड कांस्टेबल अनिल पवार को यह जोड़ा रेलवे स्टेशन पर मिला। मदद के बहाने वह उन्हें रेलवे कॉलोनी स्थित एक स्वयंसेवी संस्था में ले गया। अनिल पवार ने कमलेश सुतार की मदद से 5 दिनों तक उन्हें उसी जगह पर रखकर 17 वर्षीय पीड़िता के साथ बलात्कार किया। इसके बाद अनिल पवार ने पीड़िता को उसके माता-पिता को सौंपने के लिए पीड़िता के प्रेमी से 6,000 रुपये लिए और उन्हें छोड़ दिया। इस बीच पीड़ित लड़की और उसके प्रेमी की छत्तीसगढ़ पुलिस तलाश कर रही थी। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और पीड़िता को छोड़ दिया।
कई धाराओं के तहत मामला दर्ज
छत्तीसगढ़ पुलिस ने पीड़ित लड़की का बयान भारतीय दंड संहिता की धारा 342 (गैरकानूनी हिरासत) के तहत दर्ज कर रेलवे सुरक्षा बल के हेड कांस्टेबल अनिल पवार के खिलाफ एनजीओ कार्यकर्ता कमलेश तिवारी के खिलाफ केस दर्ज किया।आरोपियों के खिलाफ कईन धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुणे पुलिस को सौंपा मामला
छत्तीसगढ़ पुलिस ने इस मामले को पुणे लोहमार्ग पुलिस को सौंप दिया है। 30 अक्टूबर को पुणे लोहमार्ग पुलिस ने तुरंत इस अपराध का संज्ञान लिया और जांच के लिए उप प्रभागीय पुलिस अधिकारी महेश देवीकर को सौंप दिया। फिलहाल आरोपी कमलेश तिवारी को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन मामला दर्ज होते ही हेड कांस्टेबल अनिल पवार फरार हो गया। उसकी गहन तलाश की जा रही है। उपविभागीय पुलिस अधिकारी महेश देवीकर ने हिंदुस्तान पोस्ट को यह जानकारी दी।
अनिल पवार के साले के नाम पर है एनजीओ कार्यालय
सूत्रों के मुताबिक अनिल पवार ने जिस एनजीओ के दफ्तर में पीड़िता को रखा था, वह एनजीओ अनिल पवार के साले के नाम पर रजिस्टर्ड है। इस संस्था के दफ्तर को पुलिस ने सील कर दिया है। इस बीच, अनिल पवार को रेलवे सुरक्षा बल से निलंबित कर दिया गया है और उनके वरिष्ठ अधिकारियों को भी निलंबित कर दिया गया है। फरार अनिल पवार की गहनता से तलाश की जा रही है और रेलवे क्राइम ब्रांच की टीम भी उसकी तलाश में है।