अब आपके इलाके की सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान पर भी आयुष्मान कार्ड बन सकेंगे। जुलाई से शुरू वाले इस कार्य के संबंध में चुनार व मड़िहान विकास खंडों के कोटेदारों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन कोटेदारों का कोड प्रशासन स्तर से आवंटित किया जाएगा। जून के आखिर तक जिले के 809 ग्राम पंचायतों के कोटेदार को प्रशिक्षण देने का कार्य पूरा हो जाएगा। प्रशिक्षण प्राप्त होते ही जुलाई से कोटेदार भी कार्ड बनाना शुरू कर देंगे।
आयुष्मान योजना में जिले के 20 निजी चिकित्सालय व 16 सरकारी चिकित्सालयों को संबंद्ध किया गया है। इन चिकित्सालयों में उपचार के दौरान 19 करोड़ से अधिक की धनराशि खर्च की जा चुकी है। अप्रैल 2018 से मई 2022 तक जिले में तीन लाख चार हजार छत्तीस हजार कार्ड बनाए गए हैं। कार्ड जिले के मंडलीय चिकित्सालय के अलावा 16 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, 53 पीएचसी पर आरोग्य मित्र के माध्यम से बिल्कुल नि:शुल्क बनाया जा रहा है। प्रदेश स्तर से जिले को 14वां रैंक मिलने पर सभी स्वास्थ्यकर्मियों के कार्यो की प्रशंसा की जा रही है।
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अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. गुलाब ने कहा कि आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए लोग इधर-उधर भटक रहे थे। इसको देखते हुए कोटेदारों को कार्ड बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। इससे गांव के लोगों को कार्ड बनवाने के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा और अपने गांव में कार्ड बनवा लेंगे।
सभी को मिले योजना का लाभ
आयुष्मान योजना को लेकर विभाग समय-समय पर अभियान चला ब्लाक स्तर पर शिविर लगाकर कोटेदारों व कॉमन सर्विस सेंटर के सहयोग से आयुष्मान कार्ड बनाया जाता रहा है। अधिक से अधिक आयुष्मान कार्ड बन जाने से सभी इस योजना का लाभ आसानी से उठा सकेंगे।
जनपद में तीन लाख 40 हजार 36 लोगों का कार्ड बना
जिले में अभी तक 3 लाख 40 हजार 36 लोगों का आयुष्मान कार्ड बनाया जा चुका है। इसके साथ ही 32 हजार 856 अत्योदय कार्डधारकों का भी आयुष्मान कार्ड बनाया गया है, जिसका वितरण भी विभागीय स्तर से किया जा चुका है। आयुष्मान कार्ड बनने पर कार्डधारक एक वर्ष में पांच लाख रुपये तक का नि:शुल्क उपचार आयुष्मान भारत योजना से जुड़े सरकारी व निजी चिकित्सालयों में आसानी से करा सकेंगे। अभी तक 22 हजार 456 मरीज इस योजना के तहत मुफ्त इलाज की सुविधा प्राप्त कर चुके हैं।