दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने अवकाश एवं यात्रा भत्ता (एलटीसी) घोटाला मामले में पूर्व राज्यसभा सदस्य और वर्तमान में आरजेडी के विधायक अनिल कुमार साहनी को तीन साल की कैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा कोर्ट ने साहनी पर अलग-अलग धाराओं के मामले में सवा तीन लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। स्पेशल जज एमके नागपाल ने ये फैसला सुनाया।
कोर्ट ने इस मामले के दो और दोषियों एनएस नायर और अरविंद तिवारी को दो-दो साल की कैद और पचास-पचास हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120 के तहत तीनों आरोपितों को दो-दो साल की कैद और पचास-पचास हजार रुपये का जुर्माना लगाया। इसके अलावा कोर्ट ने अनिल साहनी को धारा 201 (साक्ष्यों को मिटाने) का दोषी करार देते हुए एक साल की कैद और 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। कोर्ट ने साहनी को धारा 420 का दोषी करार देते हुए एक साल की कैद और 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने फर्जीवाड़ा करने के मामले में धारा 471 के तहत साहनी को दोषी करार देते हुए तीन साल की कैद और दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने कहा कि साहनी को विभिन्न धाराओं के तहत कैद की सजाएं एक साथ चलेंगी यानी अधिकतम तीन साल कैद की सजा होगी, लेकिन जुर्माने की रकम अलग-अलग भरनी होगी।
सजा निलंबित
शनिवार को अनिल साहनी ने एक लाख रुपये का जुर्माना भरते हुए बाकी जुर्माने की राशि सवा दो लाख रुपये 9 सितंबर तक भरने का आश्वासन दिया। बाकी दोनों आरोपितों ने अपना पचास-पचास हजार रुपये का जुर्माना भर दिया। तीनों आरोपितों ने कोर्ट से कहा कि वे इस सजा को हाई कोर्ट में चुनौती देंगे, इसलिए उनकी सजा निलंबित कर दी जाए। उसके बाद कोर्ट ने तीनों आरोपितों को एक-एक लाख रुपये का मुचलका 6 सितंबर तक भरने पर सजा निलंबित करने का आदेश दिया। कोर्ट ने तीनों आरोपितों की सजा 6 अक्टूबर तक निलंबित करते हुए जमानत देने का आदेश दिया।
कोर्ट ने 31 अगस्त को सजा की अवधि के मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने 29 अगस्त को तीनों आरोपितों को दोषी करार दिया था। अनिल कुमार साहनी अपराध के समय जेडीयू के राज्यसभा सांसद थे। इसके अलावा एनएस नायर एयर इंडिया के तत्कालीन सुपरिटेंडेंट (ट्रैफिक) थे और अरविंद तिवारी मेसर्स मुरगई ट्रैवल्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ काम कर रहे थे।
दरअसल, अवकाश और बिना यात्रा किए लाखों रुपये का भत्ता लिये जाने के एलटीसी घोटाले के मामले में 31 अक्टूबर, 2013 में सीबीआई ने केस दर्ज किया था। केंद्रीय सतर्कता आयोग ने इस मामले को सीबीआई को ट्रांसफर किया था।
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सीबीआई ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, धोखाधड़ी, सरकारी पद के दुरुपयोग की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। अनिल कुमार साहनी जदयू से 2010 से लेकर 2018 तक दो बार बिहार से राज्यसभा के सदस्य निर्वाचित हुए थे। साहनी फिलहाल बिहार से आरजेडी के विधायक हैं। साहनी पर आरोप था कि राज्यसभा सांसद रहते हुए उन्होंने बिना कोई यात्रा किए जाली ई-टिकट और फर्जी बोर्डिंग पास के जरिये 23 लाख 71 हजार रुपये की धोखाधड़ी की थी।
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