Bangladesh: मोहम्मद यूनुस हिंदू समुदाय से मिलेंगे, आज बांग्लादेश में बदल सकते हैं हालात

शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर भारत लौटने के बाद से बांग्लादेश में हिंसा ने उग्र रूप ले लिया है। अब हिंसक विरोध प्रदर्शन का सामना करने के बाद बांग्लादेश में हिंदू समुदाय रविवार को बड़ी संख्या में सड़कों पर उतर आया।

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बांग्लादेश (Bangladesh) में हिंदुओं (Hindus) पर हो रहे हमलों (Attacked) के खिलाफ अब पूरे देश में हिंदू सड़कों पर उतर आए हैं। ढाका (Dhaka) से लेकर फरीदपुर (Faridpur) तक सभी शहरों में हिंदू कट्टरपंथियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। सोमवार (12 अगस्त) को अंतरिम सरकार (Interim Government) के मुखिया मोहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) हिंदू समुदाय के लोगों से मुलाकात करेंगे।

ढाका में हिंदू उसी शहीद मीनार पर प्रदर्शन कर रहे हैं, जहां से पहले छात्र आंदोलन की शुरुआत हुई थी। यहीं से शेख हसीना के इस्तीफे की मांग उठी थी। अब यहां हिंदू हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। बांग्लादेश के अन्य जिलों में भी हजारों हिंदू सड़कों पर उतर आए हैं।

हिंदू छात्रों का समूह 8 सूत्री मांगें रखेगा
जानकारी के अनुसार, हिंदू छात्र अल्पसंख्यक अधिकार आंदोलन समूह यूनुस सरकार के सामने 8 सूत्री मांगें रखेगा। इनमें हिंदुओं पर हमलों के मामले में त्वरित सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक ट्रिब्यूनल स्थापित करने और अल्पसंख्यक सुरक्षा अधिनियम को तुरंत लागू करने की मांग शामिल है।

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सरकार को हिंसा पर अंकुश लगाना चाहिए
इन लोगों की मांग है कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार जल्द से जल्द हिंदू हिंसा पर लगाम लगाए। सोमवार को एक बार फिर हजारों हिंदू ढाका के शाहबाग में विरोध प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान राष्ट्रीय संग्रहालय के सामने विरोध प्रदर्शन होगा। बांग्लादेश में कई जगहों पर हिंदू समुदाय के लोग अपने पूरे परिवार के साथ सड़कों पर उतर आए हैं। वे हाथों में तख्तियां और पोस्टर-बैनर लेकर अंतरिम सरकार से खास मांग कर रहे हैं।

हजारों बांग्लादेशी हिंदू भारत आने की कोशिश कर रहे हैं
बांग्लादेश के दो हिंदू संगठनों – बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद और बांग्लादेश पूजा उद्यापन परिषद के अनुसार, 5 अगस्त को शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद से बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों को 53 जिलों में हमलों की कम से कम 205 घटनाओं का सामना करना पड़ा है। इसके अलावा, हिंसा से बचने के लिए हजारों बांग्लादेशी हिंदू पड़ोसी देश भारत आने की कोशिश कर रहे हैं।

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