आम तौर पर देश में सितंबर का महीना मॉनसून की विदाई का समय माना जाता है लेकिन इस वर्ष अक्टूबर में भी भारी बारिश से तबाही जारी है। उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र में तबाही मचाने के बाद पिछले कुछ दिनों से हैदराबाद में मॉनसून ने कहर बरपा रखा है।देश भर में सितंबर से अब तक करीब 29 लोगों की जान चली गई है। मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक इस वर्ष पिछले 60 साल में पहली बार इतनी देर तक देश में मॉनसून रुका हुआ है। इससे पहले वर्ष 1960 में भी काफी देर से मॉनसून की विदा हुआ था।
हैदराबाद में मॉनसून से तबाही
हैदराबाद में भारी बारिश से हालात बहुत ही भयावह हो गए हैं। इससे अबतक तीन लोगों की मौत हो गई है और जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सड़कों पर जहां पानी भर गया है, वहीं कई इलाकों में घरों में भी पानी घुस गया है। इस वजह से लोगों के सामने कठिन संकट पैदा हो गया है। इसके साथ ही फसलें भी तबाह हो गई हैं। यहां तक कि बारिश के कारण कई कारें और अन्य वाहन भी बह गए हैं। बचाव और राहत कार्य जारी हैं।
अलर्ट जारी
तेलंगाना के कई हिस्सों में भारी बारिश को देखते हुए मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव की ओर से अलर्ट जारी किया गया है। राज्य के मुख्य सचिव ने इस बारे में जानकारी दी है कि सभी जिला प्रशासनों को एलर्ट किया गया है। हम आपको बता दें कि हैदराबाद में पिछले 24 घंटों से लगातार बारिश जारी है और कई इलाकों में 20 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई है।
हैदराबाद में बाढ़ की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कई इलाकों में फंसे लोगों को निकालने के लिए नाव का इस्तेमाल किया जा रहा है।
अस्पतालों में भी घुसा पानी
शहर के कई इलाकों में कमर तक पानी भर गया। दम्मईगडा इलाके में कई कार पानी में बहती देखी गईं। ऐसा ही हाल ननस्थली, अट्टापुर मेन रोड औऱ मुरशीदाबाद इलाके में है। बारिश का कहर इतना भयानक है कि खेतों में पानी भर गया है और फसलें तबाह हो गई हैं। यहां तक कि कई घरों के साथ ही अस्पतालों में भी पानी घुस गया है। इस तबाही से बचने के लिए सरकारी मशीनरी के अलर्ट पर रखा गया है और लोगों से सुरक्षा के मद्देनजर सतर्कता बरतने की अपील की गई है। इस तूफानी मौसम के मद्देनजर उस्मानिया यूनिवर्सिटी को अगले आदेश तक बंद रखने का फैसला लिया गया है। साथ ही परीक्षाओँ को भी स्थगित कर दिया गया है।
सितंबर में देश के कई हिस्सों मे भारी बारिश
सितंबर के आखिरी हफ्ते में पुणे में भी बारिश का कहर बरपा था। वहां 17 लोगों की मौत हो गई थी। इससे पहले यूपी के लखनऊ, वाराणसी और गोरखपुर देवरिया समते पूर्वांचल में 2-3 दिनों तक लगातार बारिश हुई थी। इससे 9 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। उस समय से ही हैदराबाद में बारिश जारी है लेकिन सोमवार से बारिश काफी तेज हो गई है और बाढ़ का रुप धारण कर लिया है।
60 साल बाद इतनी देर तक बारिश का कहर
अक्टूबर का लगभग आधा महीना बीत चुका है और देश के कई हिस्सों में भारी बारिश से तबाही मची है, जबकि सितंबर के अंतिम हफ्ते में मॉनसून समाप्ति की ओर बढ़ना शुरू कर देता है। यानी जब मॉनसून के अलविदा होने का वक्त आ गया है लेकिन असामान्य रुप से इस साल अभी भी भारी बारिश जारी है। बताया जा रहा है कि इस बार मॉनसून पिछले 60 सालों में सबसे ज्यादा देरी से खत्म होनेवाला है। 1960 के बाद पहली बार देश में मॉनसून जाने में इतनी देर हो रही है।
मॉनसून को देर तक रुकने की वजह
इससे पहले 2007 में भी काफी देरी से मॉनसून का लौटना शुरू हुआ था। तब उसकी विदाई की शुरुआत 30 सितंबर से हुई थी।बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने से तेलंगाना और दक्षिण भारत के दूसरे क्षेत्रों में तबाही मचने की बात कही जा रही है।