मोरबी हादसा : गुजरात उच्च न्यायालय ने लिया स्वत: संज्ञान, राज्य सरकार से मांगा ये जवाब

30 अक्टूबर की शाम 6.32 बजे मोरबी का झूलता पुल टूटने से 135 लोगों की मौत हो गई थी।

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मोरबी के झूलता पुल टूटने की घटना के एक सप्ताह बाद गुजरात उच्च न्यायालय ने इस पर स्वत: संज्ञान लिया है। हाई कोर्ट ने गुजरात सरकार को नोटिस भेजकर 10 दिन के अंदर जवाब देने को कहा है। इस मामले में अब अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी।

इन विभागों को भी भेजा नोटिस
7 नवंबर काे गुजरात हाई कोर्ट ने मोरबी दुर्घटना पर स्वत: संज्ञान लेते हुए गुजरात सरकार को नोटिस भेजकर इस मामले की अब तक की कार्रवाई से संबंधित रिपोर्ट पेश करने को कहा है। कोर्ट ने राज्य सरकार के अलावा मोरबी नगरपालिका, शहर विकास विभाग, राज्य के मुख्य सचिव, राज्य मानवाधिकार आयोग आदि को भी पार्टी बनाने का आदेश जारी किया है। हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव और गृह सचिव से पूरे मामले पर स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। जानकारी के अनुसार राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला ने हाई कोर्ट को पत्र लिखकर इस मामले में स्वत: संज्ञान लेने की विनती की थी।

हादसे में 135 लोगों की मौत
उल्लेखनीय है कि 30 अक्टूबर की शाम 6.32 बजे मोरबी का झूलता पुल टूटने से 135 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे के बाद पानी से 175 से अधिक लोगों को बाहर निकाला गया था। इस मामले में मोरबी नगरपालिका के चीफ ऑफिर संदीप सिंह झाला को निलंबित किया जा चुका है। पुलिस ने अब तक नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। मामले की जांच के लिए सरकार ने एक एसआईटी गठित की है।

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