MP: मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में खनियाधाना थानान्तर्गत रजाव गांव में 18 मार्च की शाम माताटीला डैम के कैचमेंट एरिया में श्रद्धालुओं से भरी नाव पलटने से सात लोगों की मौत हो गई। करीब 24 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन में 19 मार्च को गोताखोरों ने सभी सात शव बरामद कर लिए हैं। इसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म कर दिया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दुर्घटना पर शोक व्यक्त करते हुए मृतक परिजनों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। उन्होंने हादसे की जांच के निर्देश दिए हैं।
19 मार्च की शाम हुआ हादसा
खनियाधाना पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, 19 मार्च की शाम करीब पांच बजे रजावन गांव के 15 लोग नाव से डैम के बीच टापू पर स्थित सिद्ध बाबा मंदिर होली की फाग के लिए जा रहे थे। मंदिर तक पहुंचने से पहले ही नाव अचानक असंतुलित होकर पलट गई। नाव में सवार सभी लोग डूबने लगे। स्थानीय ग्रामीणों ने आठ लोगों को बचा लिया था, जबकि सात लोग डैम में डूब गए। सूचना मिलने पर पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। रातभर रेस्क्यू चलाया गया लेकिन सफलता नहीं मिली। हादसे के करीब 17 घंटे बाद बुधवार सुबह टीम को पहला शव बरामद हुआ। इसके बाद एसडीआरएफ की टीम ने शाम तक सभी सात लोगों के शव बरामद कर लिए। हंगामे की आशंका को देखते हुए डैम के पास ही अस्थाई पोस्टमार्टम हाउस बनाया गया है। यहीं पर चिकित्सकों ने शवों का पोस्टमार्टम किया।
एसडीआरएफ की टीम ने चलाया तलाशी अभियान
पिछोर एसडीओपी प्रशांत शर्मा ने बताया कि एसडीआरएफ की टीम के करीब 15 जवानों ने डैम के कैचमेंट एरिया में लगातार सर्चिंग की। देर रात करीब 11 बजे कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी, एसपी अमन सिंह राठौड़, जिला पंचायत सीईओ हिमांशु जैन भी मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू अभियान की जानकारी ली। हालांकि, रात होने पर रेस्क्यू की रफ्तार धीमी थी, लेकिन सुबह होते ही पूरी ताकत से नदी में सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। बुधवार को एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंच गई और सभी ने मिलकर सभी श्रद्धालुओं के शव बरामद किए।
इनकी गई जान
उन्होंने बताया कि हादसे में शारदा (55) पत्नी इमरत लोधी, लीला (40) पत्नी रामनिवास लोधी, चाइना (14) पुत्र लज्जाराम लोधी, कान्हा (07) पुत्र कप्तान लोधी, रामदेवी (35) पत्नी भूरा लोधी, शिवा (08) पुत्र भूरा लोधी और कुमकुम (15) पुत्र अनूप लोधी की मौत हुई है। सभी के शवों को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिए गए हैं।
वहीं, नाव पलटने की घटना में शिवराज (60) पुत्र हरिराम लोधी, सावित्री (40) पत्नी अनूप लोधी, जानसन (12) पुत्र अनूप लोधी, गुलाब (40) पुत्र जगदीश लोधी, लीला (45) पत्नी सूरी सिंह लोधी, रामदेवी (50) पत्नी प्राण सिंह लोधी, उषा (45) पत्नी लाल सिंह लोधी और प्रदीप लोधी (18) पुत्र कृपाल लोधी (नाविक) को बचा लिया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दुर्घटना में सात लोगों की मृत्यु पर दु:ख व्यक्त किया है। उन्होंने बताया कि मृतकों के निकटतम परिजनों को मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान मद से दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही दुर्घटना की जांच के आदेश भी दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि जिला प्रशासन, स्थानीय नागरिकों और एनडीईआरएफ के जवानों की मदद से आठ लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है। उन्होंने दुर्घटना में सुरक्षित बचे लोगों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है। मुख्यमंत्री ने जनसामान्य से नदी तथा जल स्रोतों में आवागमन व अन्य उपयोग के समय आवश्यक सावधानी बरतने की अपील की है।
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प्रशासन के प्रति खासी नाराजगी
इधर, हादसे के बाद स्थानीय निवासियों में प्रशासन के प्रति खासी नाराजगी है। रजावन गांव के ग्रामीणों का कहना है कि जहां यह मेला लगता है, वह जगह खिरकिट पंचायत में पड़ती है। ग्रामीणों द्वारा मेले के समय यहां सुरक्षा व्यवस्था करने को लेकर कई बार पंचायत व स्थानीय प्रशासन से मांग की गई है, लेकिन ग्रामीणों की मांग पर कभी कोई ध्यान नहीं दिया गया। इसी का परिणाम है कि यह गंभीर हादसा घटित हुआ। अगर पंचायत या प्रशासन ने यहां सुरक्षा के इंतजाम किए होते तो यह दुर्घटना नहीं होती।