कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की आतंकी फंडिंग और अन्य गतिविधियों के चलते भारत में पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। केन्दीय गृह मंत्रालय की ओर से बुधवार को इसके लिए अधिसूचना (नोटिफिकेशन) भी जारी कर दी गई है। पीएफआई पर प्रतिबंध का मप्र के गृहमंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने स्वागत किया है। उन्होंने इसे आंतरिक सर्जिकल स्ट्राइक बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का आभार जताया है।
गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने 28 सिंतबर को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल पीएफआई पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगाने का केंद्र सरकार का फैसला स्वागत योग्य कदम है। राष्ट्र हित में लिए गए इस निर्णय के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बहुत-बहुत आभार। उन्होंने कहा कि जो संगठन राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्त हो, जिसके आईएसआई से कनेक्शन पाए गए हों, जो केरल में, ओडिशा, कर्नाटक, तमिलनाडु में जिनके हत्याओं के सबूत मिले हैं, ऐसे संगठन पर प्रतिबंध लगाना निश्चित ही स्वागतयोग्य है। भाजपा सरकार में राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। पीएफआई पर प्रतिबंध लगाना आंतरिक सर्जिकल स्ट्राइक है। उन्होंने कहा कि मप्र से पहले 4 लोग पकड़े गए और उनसे मिली जानकारी के आधार पर 21 लोगों को और पकड़ा है। इस तरह अब तक कुल 25 लोग पकड़े जा चुके हैं और इनसे पूछताछ में जैसे-जैसे जानकारी मिलती जाएगी, वैसे-वैसे इनकी सारी स्लीपर सेल्स पकड़ में आती जाएंगी।
दिग्विजय सिंह पर साधा निशाना
इस दौरान दिग्विजय सिंह पर निशाना साधते हुए गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि टुकड़े-टुकड़े गैंग के समर्थक और जाकिर नाईक को शांति दूत बताने वाले दिग्विजय सिंह तुष्टिकरण की राजनीति के लिए पीएफआई पर हो रही कार्रवाई पर सवाल खड़े कर रहे हैं। उन्होंने दिग्विजय सिंह पर पलटवार करते हुए कहा कि राष्ट्रवादी संगठन आरएसएस का स्वयंसेवक होने पर मुझे गर्व है। क्या दिग्विजय सिंह कह सकते हैं कि वह पीएफआई के सदस्य हैं? अगर नहीं कह सकते तो पीएफआई और संघ की तुलना क्यों?