महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम के लेखा विभाग ने मुंबई मंडल के सेवानिवृत्त कर्मचारियों और मुंबई सेंट्रल में एसटी निगम के मुख्यालय के कर्मचारियों तथा अधिकारियों को पेंशन प्रदान करने में देरी की है। इस कारण पिछले तीन वर्षों में सेवानिवृत्त हुए हजारों एसटी कर्मचारी अपनी उचित पेंशन से वंचित हैं। महाराष्ट्र एसटी कर्मचारी कांग्रेस के महासचिव श्रीरंग बर्गे ने आरोप लगाया है कि इस पेंशन को लेखा विभाग ने निगल लिया है।
महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए श्रम और रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार की कर्मचारी पेंशन योजना वर्ष 1995 से लागू है। केंद्र सरकार द्वारा पेंशन अंशदान के रूप में तय की गई राशि हर महीने कर्मचारियों के वेतन से काट ली जाती है और इसे कर्मचारी भविष्य निधि में जमा कर दिया जाता है। कर्मचारियों के अंशदान में केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर वृद्धि की गई है और वर्तमान में यह राशि 1,250/- रुपए है। निगम के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के वेतन मासिक अंशदान के रूप में काटे जाते हैं। कर्मचारी के सेवानिवृत्त होने से पहले, पेंशन दावों को निगम द्वारा संबंधित क्षेत्रीय कर्मचारी भविष्य निधि संगठन कार्यालय में भेज दिया जाता है और सत्यापन के बाद, संबंधित कार्यालय पेंशन भुगतान आदेश जारी करता है।
कर्मचारियों के लिए अभी तक कोई पेंशन आदेश नहीं
बांद्रा स्थित क्षेत्रीय कर्मचारी भविष्य निधि संस्था- मुंबई डिवीजन और केंद्रीय कार्यालय में कम से कम 2,250 सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन अटकी हुई है। इनमें से 465 कर्मचारियों की पेंशन मिलने से पहले ही मौत हो चुकी है। मृतक कर्मचारियों की पत्नियों के साथ-साथ सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने क्षेत्रीय कर्मचारी भविष्य निधि कार्यालय, बांद्रा को इस बारे में जानकारी दी है। लेकिन अभी तक कर्मचारियों को पेंशन भुगतान आदेश नहीं मिला है।