Mufti Tariq Masood: इस समय पाकिस्तान (Pakistan) में ईशनिंदा का मुद्दा (blasphemy issue) काफी चर्चा में है। लेकिन यह ईशनिंदा गैर मुस्लिमों ने नहीं, बल्कि इस्लाम की पढ़ाई कर मौलाना बने मुफ्ती तारिक मसूद ने की है। पाकिस्तान के मुसलमान धर्म (Muslim religion) का अध्ययन करने वाले एक व्यक्ति द्वारा अपने ही धर्म का अपमान किए जाने से बेहद परेशान हैं।
वह आत्मघाती हो गये हैं। कभी कोई गैर मुस्लिम अगर कुरान, पैगम्बर या अल्लाह के बारे में अपशब्द भी दे तो सर तन से जुदा नारे लगाने वाले मुसलमान मौलाना मुफ्ती तारिक मसूद के साथ क्या करेंगे? क्योंकि, भले ही वे ना कहें, लेकिन यह विषय अब पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर वायरल है। मुफ्ती की चारों तरफ आलोचना होने लगी है। मुफ्ती तारिक मसूद का ये वीडियो खूब वायरल हो रहा है।
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मौलाना मुफ्ती तारिक मसूद ने क्या कहा?
हम जापानी लोगों का अनुसरण करते हैं, उनके भाषण सुनते हैं, उन्हें यूट्यूब पर देखते हैं, वे सभी उच्च शिक्षित हैं, कुछ वैज्ञानिक हैं, कुछ डॉक्टर हैं। हमारे पैगंबर न तो पढ़ सकते थे और न ही लिख सकते थे। वे ‘उम्मी’ (अनपढ़) थे। कुरान का एक भी शब्द जो लिखा गया था वह पैगंबर द्वारा नहीं लिखा गया था, उन्होंने कुरान को अपने अनुयायियों से लिखवाया था। उस समय कुरान के लेखक ने इसमें व्याकरण संबंधी गलतियां कीं, लेकिन हमारे पैगंबर ने उन्हें ठीक नहीं किया। आपकी जानकारी में नहीं, इसमें व्याकरण संबंधी त्रुटियां हैं। वो ग़लतियां अब भी वैसी ही हैं। पैगंबर के अनुयायियों ने ग़लत लिखा और पैगम्बर पढ़-लिख नहीं सके। अल्लाह ने ये गलतियाँ होने दीं क्योंकि वह दिखाना चाहता था कि उसका पैगंबर मुहम्मद सलाहुद्दीन वास्तव में अनपढ़ था। हम सभी ने इस कुरान को इस तरह से सुरक्षित रखा है कि इस कुरान में गलतियाँ तो हैं, लेकिन हमने किसी को भी इसे सुधारने की इजाजत नहीं दी है। महान अरबी विचारक आए, हालांकि उन्होंने अक्सर इस पर ध्यान केंद्रित किया, लेकिन इसे ऐसे मान लिया गया जैसे कि यह कुरान हो। तो हम मोहम्मद सलाहुद्दीन का अनुसरण क्यों कर रहे हैं? मौलाना मुफ्ती तारिक मसूद ने कहा कि वे लिख-पढ़ नहीं सकते।
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गिरफ्तारी वारंट की सूचना
समाचार वेबसाइट डे न्यूज पर गिरफ्तारी वारंट की सूचना दी गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मौलाना मुफ्ती तारिक मसूद ने अपने भाषण की व्याख्या करते हुए कहा कि उन्होंने अपना बयान कुरान के पाठ पर आधारित किया है। लेकिन उनके इस स्पष्टीकरण को खारिज कर दिया गया है. इस मामले में सोशल मीडिया पर मौलाना मुफ्ती तारिक मसूद की गिरफ्तारी की मांग होने लगी है।
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