उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर बरामद स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन की मौत के मामले में हत्या का केस दर्ज किया गया है। महाराष्ट्र एंटी टेररिस्ट सेल ने मामले में मिले अब तक के सबूतों के आधार पर इसे हत्या का मामला दर्ज कर अपनी जांच शुरू कर दी है।
5 मार्च को मनसुख हिरेन का शव ठाणे स्थित मुंब्रा की खाड़ी में मिला था। पुलिस ने शुरू में इसे आत्महत्या का मामला बताया था लेकिन मनसुख की पत्नी और उसके दोस्तों तथा भाई ने मनसुख की हत्या होने का संदेह व्यक्त किया था। उनका कहना था कि मनसुख एक अच्छा तैराक था और वो बच्चों को तैरना भी सिखाता था। इस हालत में उसकी डूबने से मौत कैसे हो सकती है?
बजट सत्र में उठा था मामला
यह मामला महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सत्र के दौरान भी उठाया गया था। विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले की एएनआई से जांच की मांग की थी। दबाव में आई महाविकास आघाड़ी सरकार को मजबूरन मामले की जांच एटीएस से कराने का निर्णय लेना पड़ा था। राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने इसकी जांच एटीएस से कराने की घोषणा की थी।
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एटीएस ने शुरू की जांच
फिलहाल एंटी टेररिस्ट सेल ने इस मामले के सभी कागजात और सबूत ठाणे के मुंब्रा पुलिस थाने से अपने कब्जें में ले लिए हैं और जांच शुरू कर दी है। मामले में 7 मार्च 2021 को कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। हालांकि इस मामले में हत्या के कोई भी पुख्ता सबूत उपलब्ध नहीं है, लेकिन मनसुख की पत्नी विमला की शिकायत के आधार पर सेल ने हत्या का मामला दर्ज किया है।
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पोस्टमार्टम रिपोर्ट से गहराया रहस्य
बता दें कि मनसुख हिरेन 4 मार्च को घर से बाहर निकले थे। 5 मार्च को उनका शव मुंब्रा की खाड़ी में मिलने के बाद हड़कंप मच गया था। मुंब्रा पुलिस ने इसे आत्हत्या का मामला बताया था। उसके बाद मनसुख के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया था। फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मनसुख के शरीर पर किसी भी तरह की चोट या अन्य तरह के निशान नहीं पाए गए हैं। इस वजह से उसकी मौत को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं हो पाया है। हालांकि मनसुख के बड़े भाई विनोद ने उसे मारकर खाड़ी में फेंक देने का आरोप लगाया है।