मध्य रेल ने 32.77 लाख मामलों में वसूले ‘इतने’ करोड़ रुपये का जुर्माना

मध्य रेल ने बिना टिकट और अनियमित यात्रा पर अंकुश लगाने के लिए अपने सभी मंडलों में उपनगरीय, मेल एक्सप्रेस, यात्री सेवाओं, विशेष ट्रेनों में गहन टिकट जांच किया है।

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मध्य रेल ने बिना टिकट व अनिमितत यात्रा के 32.77 लाख मामलों का पता लगाया, जिससे वित्तीय वर्ष 2022-23 (अप्रैल-नवंबर) में 218 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया गया। मध्य रेल ने बिना टिकट और अनियमित यात्रा पर अंकुश लगाने के लिए अपने सभी मंडलों में उपनगरीय, मेल एक्सप्रेस, यात्री सेवाओं, विशेष ट्रेनों में गहन टिकट जांच किया है, जिसके परिणामस्वरूप यह संभव हुआ है। टिकट चेकिंग से अप्रैल-नवंबर 2022 के दौरान 218 करोड़ रुपये से अधिक का यह राजस्व पिछले वर्ष की इसी अवधि के 124.69 करोड़ से 74.83% अधिक है।

मध्य रेल मुंबई मंडल के जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, टिकट चेकिंग से 218 करोड़ रुपये का राजस्व भारतीय रेल पर टिकट चेकिंग से अब तक का सबसे अधिक है। उल्लेखनीय है कि मध्य रेल का 218 करोड़ रुपये का राजस्व केवल 8 महीने का है। जबकि मध्य रेल का पिछला अब तक का सर्वाधिक राजस्व 214.14 करोड़ पूरे वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए था।

वित्तीय वर्ष 2022-2023 के दौरान एक करोड़ से अधिक का राजस्व एकत्र
मध्य रेल की टिकट जांच टीम ने बिना टिकट यात्रियों को रोकने के लिए काफी प्रयास किए, टिकट जांच कर्मचारियों में से 4 ने वित्तीय वर्ष 2022-2023 के दौरान एक करोड़ से अधिक का राजस्व एकत्र कर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। इनमें के.के. पटेल हेड टिकट निरीक्षक, भुसावल मंडल, विनय ओझा, सीटीआई, भुसावल मंडल, आर एम गोरे, सीटीआई, मुख्यालय मुंबई एवं एस.एस. क्षीरसागर, प्रधान टिकट परीक्षक पुणे शामिल हैं।

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