दिल्ली में भी झारखंड और बिहार में चलनेवाले ऑनलाइन बैंक फ्रॉड ने पैर पसार लिये हैं। ऐसे ही एक मॉड्यूल का मुंबई की डोंगरी पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। ये गैंग दिल्ली से अपनी कार्यप्रणाली संचालित करती थी। इसके कई फैकल्टी विदेशी थे, जो युवाओं को ऑनलाइन फ्रैंड रिक्वेस्ट भेजना, मीठी बोली बोलना और फिर ठगी कैसे करना है इसका क्लास में लाइव प्रैक्टिस करवाकर ट्रेन्ड करते थे।
क्या जमाना आ गया है बाबा… अब ठगों की भी आनलाइन कक्षाएं चल पड़ी हैं। इसके लिए बाकायदा विदेशी ठगों का गिरोह नई उम्र के बच्चों को चुनता है। उन्हें ठगी की ट्रेनिंग देता है और लाइव करवाकर इस अपराध की दलदल में उन्हें फंसा देता है। ऐसे ही एक गैंग को पकड़ा है मुंबई की डोंगरी पुलिस ने।
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दरअसल, डोंगरी पुलिस थाने में एक शिकायत दर्ज हुई थी। जिसमें एक शख्स से 37 लाख की धोखाधड़ी की गई थी। यह धोखाधड़ी अपने आपको विदेश में रहनेवाली बताकर एक महिला ने की थी। इस मामले में जब पुलिस ने जांच शुरू की तो पुलिस अधिकारी प्रकाश लिंगे को इसके सूत्र दिल्ली के यमुना विहार इलाके में मिले। एससीपी अविनाश धर्माधिकारी के अनुसार इस मामले में पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार किया है। लेकिन ऑनलाइन भोली सी सूरत दिखाने और मीठी बोली बोलकर फंसानेवाली महिला फरार हो गई है।
दोस्ती और दगाबाजी
इस गिरोह की मोडस ऑपरेंडी ये थी कि ये गिरोह अपने शिकार के लिए अमीर लोगों को चुनता था। उनसे गिरोह की महिला फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर ऑनलाइन मित्रता स्थापित करती थी। उनका विश्वास जीतने के बाद दिल्ली हवाई अड्डे पर महंगे पार्सल भेजे गए हैं, उन्हें छुड़ाने के लिए लाखों रुपए ऑनलाइन मंगवा लेती थीं। इसके बाद संपर्क तोड़ देती थीं।
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ये होते हैं शिकार
फ्रॉड की इस मंडली द्वारा अधेड़ उम्र के लोगों, अकेली महिलाओं, बुजुर्गों को पहले सोशल मीडिया के जरिये दोस्ती की रिक्वेस्ट भेजी जाती थी। एक बार फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करने के बाद ये उससे मीठी-मीठी बातें करके उसका बैकग्राउंड जान लेते थे। उसके बाद फिर महंगे गिफ्ट कस्टम से छुड़ाने के लिए पैसे मंगाते थे।
फ्रॉड की पाठशाला में ग्रामीण युवा
फ्रॉड करने के लिए इन्होंने कॉल सेंटर बनाया था। जिसमें यूपी, पंजाब, हरियाणा आदि राज्यों के ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को आकर्षक वेतन, कमीशन के साथ काम सिखाने का लालच देकर लाते थे। इन युवाओं को बाकायद देसी और विदेशी फैकल्टी के द्वारा बोलने का सलीका, जानकारी हासिल करने की कलाबाजी सिखाई जाती थी। इस ट्रेनिंग के बाद कई युवा अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर ऑनलाइन फ्रॉड की गैंग्स ऑफ जामताड़ा बनाकर लोगों को ठगते थे। इसकी भी जांच अब सुरक्षा एजेंसिया गिरफ्तार लोगों से करेंगी।
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