मुंबई महानगरपालिका ने गंदे पानी से मुक्ति दिलाने के लिए सातवें मलजल प्रक्रिया केंद्र (एसटीपी प्लांट) को मंजूरी दी है। महानगर के नालों से निकलने मलजल को प्रक्रिया कर उसे इस्तेमाल करने योग्य बनाया जाएगा। इसके लिए मुंबईभर में कुल सात स्थानों पर एसटीपी प्लांट स्थापित किए जाएंगे।
पहले दी जा चुकी है छह प्लांट को स्वीकृति
मुंबई मनपा पहले छह प्लांट को स्वीकृति दे चुकी है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति के बाद सातवे प्रोजेक्ट को भी मंजूर कर दिया गया है। सातवां एसटीपी प्लांट भांडुप में बनेगा। इन सातों प्लांटों में 2464 एमएलडी गंदे पानी पर प्रक्रिया की जाएगी। भांडुप से पहले धारावी, बांद्रा, मालाड, वर्सोवा, घाटकोपर और वर्ली नाका सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को मंजूरी दी गई थी। वर्ली में 500 एमएलडी, बांद्रा में 360 एमएलडी, मालाड में 454 एमएलडी, घाटकोपर में 337 एमएलडी, धारावी में 418 एमएलडी, वर्सोवा में 180 एमएलडी और भांडुप में 215 एमएलडी गंदे पानी का ट्रीटमेंट किया जाएगा। इसके लिए कुल 26 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे।
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सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार टेंडर प्रक्रिया जारी
मनपा प्रशासन ने ट्रीटमेंट प्लांट की टेंडर प्रक्रिया सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार शुरू कर दी है। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद ठेकेदार को काम शुरू करने की अनुमति प्रदान की जाएगी। मनपा से मिली जानकारी अनुसार अगले चार वर्ष में प्लांट बनकर तैयार हो जाएगा। उसके बाद 15 साल तक के रखरखाव की जिम्मेदारी ठेकेदार पर रहेगी। मुंबई में रोजाना हजारों एमएलडी पानी नालों के जरिये समुद्र में छोड़ा जाता है। मलजल से जहां समंदर गंदा होता है, वहीं पर्यावरण भी दूषित होता है। उक्त प्लांट के माध्यम से गंदे पानी का ट्रीटमेंट करके उसे फिर से उपयोग में लाने लायक बनाया जाएगा।