राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और महाराष्ट्र सरकार के अल्पसंख्यक मंत्री नवाब मलिक लगातार एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े और उनके परिवार पर हमला कर रहे हैं। इस बीच समीर के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े ने बॉम्बे उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने नवाब मलिक पर मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है। समीर वानखेड़े एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक हैं और वे नवाब मलिक के दामाद तथा आर्यन खान समेत कई बॉलीवुड हस्तियों के मामलों के जांच अधिकारी रह चुके हैं। हालांकि विवाद बढ़ने पर उनसे आर्यन खान समेत 6 केस वापस ले लिए गए हैं।
वानखेड़े के वकील अर्शद शेख ने कहा कि नवाब मलिक वानखेड़े को धोखेबाज बता रहे हैं और वे उनके धर्म पर भी हमला कर रहे हैं। वे बता रहे हैं कि समीर हिंदू नहीं, मुसलमान हैं। वे इनके साथ ही ज्ञानदेव की बेटी यास्मिन का करियर भी बर्बाद कर रहे हैं। फिलहाल वे क्रिमिनल लॉयर हैं।
वकील ने रखा वानखेड़े का पक्ष
दायर मानहानि के मुकदमे में कहा गया है कि मलिक पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं और इसी वजह से वे वादी के परिवार के सदस्यों के नाम, प्रतिष्ठा और सामाजिक छवि को अपूरणीय क्षति पुहुंचा रहे हैं। ज्ञानदेव वानखेड़े की मांग है कि मलिक समेत उनकी पार्टी के सभी नेताओं को उनके परिवार के खिलाफ आपत्तिजनक, मानहानिकारक सामग्री लिखने, बोलने और प्रकाशित करने पर रोक लगाई जाए।
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ज्ञानदेव वानखेड़े का शिकायत
वानखेड़े ने अपनी शिकायत में कहा है कि नवाब मलिक अपने दामाद के ड्रग्स केस में गिरफ्तारी का बदला ले रहे हैं। मलिक के दामाद समीर खान को सितंबर में जमानत मिल गई थी। उसके बाद मलिक हर दिन सोशल मीडिया या प्रेस कॉनफ्रेंस कर वानखेड़े और उनके परिवार पर निशाना साध रहे हैं। इसलिए उन्होंने नवाब मलिक पर 1.25 करोड़ रुपए की मानहानि का दावा किया है। इस पर 8 नवंबर को सुनवाई होगी।
मोहित कंबोज ने भी किया मानहानि का दावा
ज्ञानदेव वानखेड़े से पहले भारतीय जनता पार्टी के नेता मोहित कंबोज ने भी मलिक पर 100 करोड़ रुपए की मानहानि का दावा किया है। मलिक वानखेड़े के साथ ही मोहित और उनके परिवार पर भी निशाना साध रहे हैं। इस स्थिति में उन्होंने पुलिस में मामला दर्ज कराने के साथ ही बॉम्बे उच्च न्यायालय में 100 करोड़ रुपए की मानहानि का दावा भी किया है।