हर साल की तरह इस साल भी दिवाली के दौरान, हिंदू पुजारियों ने अहमदनगर के राहुरी तालुका स्थित गुहा गांव में श्री कनीफनाथ समाधि मंदिर में पूजा की। उसके बाद भजन मंडली ने वहां भजन करना शुरू कर दिया। कुछ देर बाद कट्टर मुसलमानों का एक झुंड वहां पहुंच गया, जिसमें बूढ़े, जवान और महिलाएं भी शामिल थीं। उन सभी ने गाना बंद कर दिया और भजन मंडली को यह कहकर चले जाने को कहा कि यह मस्जिद है, यहां ऐसा नहीं चलेगा। इसके साथ ही मुसलमानों ने 3-4 हिंदुओं को बुरी तरह पीटना शुरू कर दिया। कट्टरपंथियों की भीड़ अपने हाथों में लाठी-डंडे और कोयता लेकर आई थी। इस मामले में मंदिर के पुजारी शंकर मंजारे ने राहुरी थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। वहीं कट्टर मुसलमानों ने भी हिंदुओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। फिलहाल इस इलाके में तनाव का माहौल है।
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ये है मामला
शिकायतकर्ता शंकर किसन मंजरे श्री कनीफनाथ समाधि मंदिर के पुजारी हैं। वे वहां अपनी पत्नी यशोदा, बेटे लक्ष्मण, बहू उज्वला, पोते यश, तनुष और कल्याणी के साथ रहते हैं। इस मंदिर में हर सुबह और शाम पूजा होती है। 13 नवंबर को सुबह करीब 07.15 बजे वे मंदिर में पूजा कर रहे थे। फिर एक अन्य पुजारी अरुण पांडुरंग लाम्बे और गांव से 4 सदस्यों वाला एक भजन मंडली आई। उन्होंने भजन गाना शुरू किया। तभी करीब 07.30 बजे 7 मुसलमान वहां आये और कहने लगे कि तुम्हें इस जगह पर भजन नहीं करना है, तुम्हें मंदिर छोड़ देना चाहिए। मंजरे ने कहा, ‘आप ऐसा क्यों कहते हैं, आज अमावस्या है और हम परंपरा के अनुसार आरती करने जा रहे हैं।” तभी मुसलमानों को गुस्सा आ गया और उन्होंने हिंदुओं को लाठी-डंडों से से पीटना शुरू कर दिया। कुछ देर बाद वहां 60 से ज्यादा मुसलमानों की भीड़ जमा हो गई। उनके पास लाठी और सरिए थे। उन्होंने उससे हिंदुओं को पीटना शुरू कर दिया। वे कह रहे थे, “हम तुम हिंदुओं को यहां नहीं आने देंगे, अगर तुम यहां आओगे तो हम तुम्हें एक-एक करके काट देंगे, तुम यहां पूजा करने क्यों आते हो, तुम्हें यहां पूजा करने के लिए नहीं आना है।” जुनैद इसाक शेख, सोहेल गनीभाई शेख, अब्बास लियाकत, साहिल लियाकत सैयद और साबिर गनीभाई शेख ने हिंदुओं को बुरी तरह पीटा। इस मामले में पुलिस ने आईपीसी की धारा 324, 143, 147, 148, 149, 323, 504 और 506 के तहत मामला दर्ज किया है।