महाराष्ट्र की छोटी राजधानी में एक पेट्रोल डॉन की पोलखोल हुई है, वह तेल कंपनियों को तो चूना लगाती ही थी उसके साथ ही सरकार का भी बड़ा भट्ठा बैठा रही थी। उसे जब गिरफ्तार किया गया तो उसके पास से पेट्रोल का इतना बड़ा भंडार मिला है कि एक पेट्रोल पंप ही खोल दिया जाए। इस पेट्रोल को वह 77 रुपए प्रति लीटर में बेचती थी।
खापरी पुलिस के अनुसार, पूरे देश में पेट्रोल के दाम 100 रुपये से अधिक होने के बावजूद नागपुर के वर्धा रोड पर स्थित खापरी इलाके में पेट्रोल महज 77 रुपये प्रति लीटर बिक रहा था। इसके पीछे एक पूरा संगठित गिरोह सक्रिय था।
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ऐसी पकड़ी गई लेडी डॉन
नागपुर और आसपास के पेट्रोलियम कंपनियों के डिपो से निकलने वाले टैंकरों को सुनसान जगह पर रोककर पेट्रोल चुराया जाता था। इस धंधे में टैंकर चालक भी शामिल रहते थे। नागपुर पुलिस को इस धंधे की जानकारी मिली। पुलिस ने खापरी के सुनसान इलाके में स्थित मीना द्विवेदी नामक महिला के घर छापा मारा। महिला के घर से डिब्बों में बंद 12 हजार लीटर पेट्रोल बरामद किया गया। इतने बड़े भंडार से एक पेट्रोल पंप का संचालन हो सकता था।
तेल का खेल और कंपनियों को चूना
प्रारंभिक पूछताछ के अनुसार वर्धा जिले के पुलगांव स्थित इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के डिपो और चंद्रपुर जिले के तडाली डिपो से निकलने वाले टैंकर वर्धा, चंद्रपुर एवं नागपुर जिलों में कुछ जगहों पर रुकते हैं। वहां टैंकर चालक कुछ पेट्रोल निकालकर एक गिरोह को दे देते थे। इस गिरोह को 22 लीटर का एक केन 1200 से 1500 रुपये में बेचा जाता था। बाद में यह गिरोह उसी डिब्बे को 1800 रुपये में बेचता था। एक जानकारी के अनुसार विदर्भ के कुछ बड़े पेट्रोल डिपो से प्रतिदिन सैकड़ों टैंकर पेट्रोल ले जाते हैं। एक टैंकर से सैकड़ों लीटर पेट्रोल चोरी हो जाता है। यानी पेट्रोल चोरों का यह गिरोह पेट्रोलियम कंपनियों और पुलिस की नाक के नीचे रोजाना हजारो लीटर पेट्रोल की चोरी कर रहा था।