Nagpur violence: नागपुर हिंसा (Nagpur violence) को लेकर राजनीतिक माहौल काफी गर्म हो गया है। पुलिस (police) को इस हिंसा (violence) में बांग्लादेशी आतंकवादी संगठनों (Bangladeshi terrorist organizations) का हाथ होने का संदेह है। इस दौरान पुलिस अधिकारियों (police officers) पर हमले हुए तथा महिला पुलिस अधिकारियों से छेड़छाड़ (molestation of female police officers) के प्रयास भी किये गये।
नागरिकों में नफरत फैलाने के उद्देश्य से सोशल मीडिया पर प्रसारित किए जा रहे भड़काऊ पोस्ट की जांच के दौरान पुलिस को दंगाइयों के बांग्लादेश से संबंध का पता चला। यह जानकारी सामने आने के बाद पुलिस और खुफिया एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। शहर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और इस दिशा में जांच भी शुरू कर दी है।
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बांग्लादेशी घुसपैठियों की भूमिका
नागपुर में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी नागरिक (बांग्लादेशी घुसपैठिए) अवैध रूप से रहते हैं। वे मध्य और उत्तर नागपुर के घनी आबादी वाले क्षेत्रों में बड़ी संख्या में रहते हैं। ऐसे में पुलिस सतर्क हो गई है क्योंकि नागपुर में फैली हिंसा में बांग्लादेश का हाथ होने की आशंका है। सोशल मीडिया पर फैलाई गई अफवाहों के कारण नागपुर में बड़े पैमाने पर दंगे भड़क उठे। इस माध्यम से उन्माद फैलाने का प्रयास किया गया। शहर पुलिस की साइबर टीम सोशल मीडिया पर नजर रख रही है और विभिन्न खातों की गहन जांच कर रही है। भड़काऊ पोस्ट करने वालों के खिलाफ चार मामले दर्ज किए गए हैं। एक फेसबुक अकाउंट पर एक विशेष समुदाय के खिलाफ अत्यंत अपमानजनक टिप्पणियां पोस्ट की गईं।
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बांग्लादेश से नियंत्रित
पता चला कि फेसबुक अकाउंट को बांग्लादेश से नियंत्रित किया जा रहा था। इससे पुलिस भी हैरान रह गई। इसके बाद खुफिया एजेंसियां भी सतर्क हो गई हैं और गहन जांच शुरू कर दी गई है। साइबर पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक बलिराम सुतार ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि मामला दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है।
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