National AYUSH Mission: संपूर्ण स्वास्थ्य मॉडल बनाने 12,500 आयुष स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों को चालू कराने की मुहिम

पारंपरिक चिकित्सा (traditional medicine) की हमारी समृद्ध विरासत और क्षमता मानवता की पीढ़ियों को बेहतर, स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने के लिए समय की कसौटी पर खरी उतरी है। हमें चिकित्सा के इस उदार रूप का पूरा लाभ उठाना चाहिए

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केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल (Sarbananda Sonowal) ने केंद्रीय आयुष, महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री, डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई के साथ राष्ट्रीय आयुष मिशन (National AYUSH Mission) की क्षेत्रीय समीक्षा बैठक का उद्घाटन किया। बैठक में भाग लेने वाले सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों ने आयुष की स्थिति और कार्यान्वित किए जाने वाले प्रमुख आयुष कार्यक्रमों (ayush programs) की प्रगति पर विस्तृत प्रस्तुतियां दीं।

समय की कसौटी पर खरी उतरी है हमारी समृद्ध विरासत
इस अवसर पर सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “पारंपरिक चिकित्सा (traditional medicine) की हमारी समृद्ध विरासत और क्षमता मानवता की पीढ़ियों को बेहतर, स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने के लिए समय की कसौटी पर खरी उतरी है। हमें चिकित्सा के इस उदार रूप का पूरा लाभ उठाना चाहिए- चाहे वह आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, सोवा रिग्पा या होम्योपैथी हो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में हम चिकित्सा के पारंपरिक रूपों को आधुनिक चिकित्सा के साथ वैज्ञानिक रूप से एकीकृत करने की दिशा में काम कर रहे हैं।

स्कूली बच्चों के लिए आयुष के पास मजबूत कार्यक्रम
आयुष चिकित्सा प्रणाली (AYUSH system of medicine) की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए मंत्री ने कहा, “स्कूली बच्चों (school children) के लिए स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने के लिए आयुष के पास आयुर्वेद (Ayurveda) जैसे कुछ मजबूत कार्यक्रम हैं; सुप्रजा: मातृ एवं नवजात शिशु के हस्तक्षेप के लिए आयुष; वयोमित्र जो आयुष आधारित वृद्धावस्था कार्यक्रम है; ऑस्टियो आर्थराइटिस और अन्य मस्कुलोस्केलेटल विकारों की रोकथाम और प्रबंधन, आयुष मोबाइल चिकित्सा इकाइयाँ आदि आयुष प्रणालियों को मजबूत करेंगी।

संपूर्ण स्वास्थ्य मॉडल बनाना
आयुष मंत्रालय 2023-24 तक राष्ट्रीय आयुष मिशन (एनएएम) के तहत राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों के सहयोग से 12,500 आयुष स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (एएचडब्ल्यूसी) को चालू कराने की दिशा में काम कर रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य आयुष सिद्धांतों और कार्य प्रणालियों के आधार पर संपूर्ण स्वास्थ्य मॉडल (holistic health model) स्थापित करना है ताकि बीमारी के बोझ को कम करने, जेब से बाहर खर्च और जरूरतमंद जनता को सूचित विकल्प प्रदान करने के लिए “स्व-देखभाल” के लिए जनता को सशक्त बनाना है।

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