National Cooperative Database: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री (Union Home and Cooperation Minister) अमित शाह (Amit Shah) ने 8 मार्च (शुक्रवार) को नई दिल्ली में राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस (National Cooperative Database) का लोकार्पण किया। इस मौके पर उन्होंने ‘राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस 2023: एक रिपोर्ट’ (National Cooperative Database 2023: A Report) का भी विमोचन किया।
केंद्रीय मंत्री शाह ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि डेटाबेस सहकारिता क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगा। डाटा को एक कंपास के समान बताते हुए उन्होंने कहा कि ये डाटाबेस भारत की सभी रजिस्टर्ड कंपनियों (registered companies) (पीएसीएस) की जन्म कुंडली है। मंत्री ने कहा कि इससे हितधारकों को भी मदद मिलेगी।
सहकारिता क्षेत्र के राष्ट्रीय डेटाबेस पोर्टल के लोकार्पण कार्यक्रम से लाइव… https://t.co/ktpjqc9ZfV
— Amit Shah (Modi Ka Parivar) (@AmitShah) March 8, 2024
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10 साल में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर
शाह ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर अलग से सहकारिता मंत्रालय बनाने की लम्बे समय से मांग थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयास से ही सहकारिता मंत्रालय बन पाया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने सहकारिता मंत्रालय को आगे बढ़ाने के लिए कई प्रयास किये हैं। उन्होंने कहा कि साहसिक निर्णय लेना और उसे अंजाम तक पहुंचाना प्रधानमंत्री मोदी का चरित्र है। मोदी ने सिर्फ 10 साल में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है।
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राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस का लोकार्पण
शाह ने बताया कि आज जिस राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस का लोकार्पण किया गया है। इसके लिए सहकारी समितियों के डेटा को विभिन्न हितधारकों से तीन चरणों में एकत्र किया गया है। पहले चरण में तीन क्षेत्रों को समाहित किया गया जिनमें प्राथमिक कृषि ऋण समिति, डेयरी और मत्स्य पालन की लगभग 2.64 लाख प्राथमिक सहकारी समितियों की मैपिंग पूरी की गई। दूसरे चरण में विभिन्न राष्ट्रीय संघों, राज्य संघों, राज्य सहकारी बैंक, जिला केंद्रीय सहकारी बैंक, शहरी सहकारी बैंक, राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक, प्राथमिक कृषि और ग्रामीण विकास बैंक, सहकारी चीनी मिलों, जिला यूनियनों और बहुराज्य सहकारी समितियों के आंकड़े एकत्रित किए गए। तीसरे चरण में सभी आठ लाख प्राथमिक सहकारी समितियों का डेटा एकत्र किया।
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