मुंबई पुलिस का एक और अधिकारी रियाज काजी नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के हत्थे चढ़ गया है। उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक से लैस गाड़ी खड़ी करने के प्रकरण में यह गिरफ्तारी हुई है। इसके पहले रियाज को एनआईए न कई बार पूछताछ के लिए बुलाया भी था। रविवार को भी इस प्रकरण और साक्ष्यों को नष्ट करने के मामले में पूछताछ के लिए बुलाया गया था। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
बता दें कि, एनआईए ने इसके बाद रिजाय काजी को विशेष न्यायालय में पेश किया था। जहां से रियाज को 16 अप्रैल तक एनआईए की रिमांड में भेज दिया गया है।
ये भी पढ़ें – वसूली 100 करोड़ की: देशमुख का ‘कुंदन’ बताएगा वो राज की बात?
सहायक पुलिस निरीक्षक रियाज काजी और सचिन वाझे मुंबई पुलिस के क्राइम इंटेलिजेन्स यूनिट में कार्यरत थे। इनकी भूमिका को लेकर संशय हो रहा था जिसके बाद ये जांच एजेंसियों के निशान पर आ गए। सचिन वाझे को गिरफ्तार करके उसका पुलिस विभाग से निलंबन भी हो गया जबकि रियाज काजी का स्थानांतरण क्राइम इंटेलिजेन्स यूनिट से अन्यत्र कर दिया गया था।
इसे मराठी में पढ़ें – देशमुखांच्या स्वीय सहाय्यकांना सीबीआयचे समन्स!
काजी की भूमिका भी संदेहास्पद
- रिजाय काजी और सचिन वाझे का पद एक ही था। दोनों ही सहायक पुलिस निरीक्षक के पद पर कार्यरत थे। इसके कारण उनके संबंध थे अच्छे
- रिजाय काजी ने ही साकेत सोसायटी को पत्र दिया था साकेत सोसायटी से डीवीआर मांगने के लिए। उसने वह डीवीआर वहां से ली भी। लेकिन इसे रिकॉर्ड में नहीं रखा
- साकेत सोसायटी से सीसीटीवी फुटेज मांगने के लिए दिये पत्र में रियाज काजी के ही हस्ताक्षर
- इस प्रकरण में रियाज काजी पहले दिन से सचिन वाझे के साथ था। उसकी भूमिका को लेकर संशय है। जिसके कारण रविवार को एनआईए ने रिजाय काजी को पूछताछ के लिए बुलाया था और उसे किया गिरफ्तार
- उस पर इस अपराध में संलिप्तता और साक्ष्यों को नष्ट करने का आरोप
वाझे को न्यायालयीन हिरासत
- निलंबित पुलिस अधिकरी सचिन वाझे को 13 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया
- उसे विस्फोटक लदी एसयूवी पार्क करने के आरोप में किया गया था गिरफ्तार
- वर्तमान में सचिन वाढे न्यायालयीन हिरासत में तलोजा बंदीगृह भेजा गया