मनसुख हिरेन हत्या प्रकरण में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेन्सी जांच कर रही है। प्रकरण को पांच महीने बीते गए हैं। इस बीच एजेन्सी ने विशेष न्यायालय को बताया है कि हत्या के लिए 45 लाख रुपए की सुपारी दी गई थी, जिसकी जांच के लिए उसे अतिरिक्त समय की आवश्यकता है।
एनआईए को एंटीलिया विस्फोटक प्रकरण और मनसुख हिरेन हत्या में आरोप पत्र दायर करना था, परंतु इसकी जांच अभी चल ही रही है। इसके लिए एजेन्सी ने न्यायालय से 30 दिनों का अतिरिक्त समय मांगा है। एजेन्सी ने बताया कि 45 लाख रूपए की राशि कहां से इकट्ठा की गई वह इसका पता लगा रही है।
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ऐसा है मामला
उद्योगपति मुकेश अंबानी के निवास एंटीलिया के पास विस्फोट लदी एक एसयूवी पाई गई थी। इस प्रकरण में तत्कालीन सहायक पुलिस निरिक्षक सचिन वाझे को गिरफ्तार किया गया है। इसमें जो सीसीटीवी मिला है उसमें एक व्यक्त पीपीई किट पहनकर दिख रहा है, आरोप है कि वह व्यक्त और कोई नहीं सचिन वाझे ही था। इस प्रकरण जो एसयूवी मिली थी वह मनसुख हिरेन की थी। मनसुख हिरेन का शव मुंब्रा की खाड़ी से बरामद हुआ था।
मनसुख की हत्या का आरोप
मनसुख हिरेन की हत्या का आरोप परिवार ने लगाया था। जिस दिशा में जांच शुरू होने के बाद महाराष्ट्र एटीएस और एनआईए ने सचिन वाझे, प्रदीप शर्मा, सुनील माने, रियाजुद्दीन काझी को गिरफ्तार किया है। यह सभी आरोपी न्यायालयीन हिरासत में हैं। अब तक की जांच में एनआईए का दावा है कि इस प्रकरण में मनसुख हिरेन की हत्या के लिए 45 लाख रुपए की सुपारी दी गई थी। अब यह राशि कहां से सचिन वाझे को मिली इसकी जांच एनआईए कर रही है।
महीनों बाद भी आरोप पत्र नहीं
विस्फोटक लदी गाड़ी खड़ी करने और मनसुख हिरेन की हत्या को पांच महीने बीत चुके हैं। इस मामले की शुरुआती जांच मुंबई और ठाणे पुलिस उसके बाद महाराष्ट्र एंटी टेरोरिज्म स्क्वॉड और अंत मे नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेन्सी कर रही है। परंतु, अब तक आरोप पत्र दायर नहीं हो पाया है।