गुजरात में बनेगा ‘राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर’ दर्ज होंगे विश्व रिकॉर्ड

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सागरमाला कार्यक्रम के तहत पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय एक ‘राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर’ विकसित कर रहा है, जो गुजरात के लोथल में विश्व स्तरीय सुविधा के रूप में विकसित होगी। एनएमएचसी को एक अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा, जहाँ प्राचीन से आधुनिक काल तक भारत के सभी समुद्री विरासत को प्रदर्शित किया जाएगा और भारत के समुद्री विरासत के बारे में जागरूकता फैलाने के लिये नवीनतम तकनीक का उपयोग करके मनोरंजन युक्त शैक्षिक दृष्टिकोण अपनाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर 2022 में वीडियो कांफ्रेंसिंग से इसकी प्रगति की समीक्षा करते कहा था कि यह परिसर भारत के सुमुद्री इतिहास का जश्न मनाने का हमारा संकल्प है। भारत के विविध समुद्री इतिहास के बारे में सीखने के लिए यह एक केंद्र के रूप में कार्य करेगा।

जुड़ेंगे कई विश्व स्तरीय कीर्तिमान
समुद्री परिसर में दुनिया का सबसे ऊंचा लाइट-हाउस संग्रहालय, दुनिया की सबसे बड़ी ओपन अक्वैटिक गैलरी, भारत का सबसे भव्य नौसैनिक संग्रहालय शामिल होगा और इसे दुनिया के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थलों में से एक के रूप में विकसित किया जाएगा। इस परियोजना के माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा मिलने से क्षेत्र के आर्थिक विकास में भी वृद्धि होगी।

आएगी 4500 करोड़ रुपये की लागत
मार्च 2022 में शुरू हुआ यह परिसर लगभग 4500 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जा रहा है। इसमें कई नवीन और अनूठी विशेषताएं होंगी जैसे, हड़प्पा वास्तुकला और जीवन शैली की पुनर्रचना के लिए लोथल मिनी की रचना; चार थीम पार्क- मेमोरियल थीम पार्क, समुद्री और नौसेना थीम पार्क, जलवायु थीम पार्क और साहस और मनोरंजन थीम पार्क, हड़प्पा काल से लेकर अब तक भारत की समुद्री विरासत को उजागर करने वाली 14 दीर्घाएं, राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों की विविध समुद्री विरासत को प्रदर्शित करने वाले तटीय राज्यों के मंडप आदि अन्य दूसरी संरचनाओं में शामिल हैं।

इसी क्रम में 2 जुलाई 2023 को लोथल गुजरात में एक परियोजना स्थल पर परियोजना प्रगति समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी। परियोजना की समीक्षा गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र भाई पटेल, केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जल मार्ग मंत्रालय और आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री और रसायन एवं उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया, बंदरगाह जहाजरानी और जलमार्ग और पर्यटन राज्‍य मंत्री श्रीपद येसो नाइक तथा बंदरगाह जहाजरानी और जलमार्ग राज्‍य मंत्री शांतनु ठाकुर द्वारा की जाएगी।

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