उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) देशों ने चीन को आगाह किया है कि वह यूक्रेन के विरुद्ध रूसी हमले में सैन्य अथवा आर्थिक मदद की योजना का ख्याल त्याग दे। इसके साथ यह भी अपील की है कि चीन अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर रूस को युद्ध विराम के लिए तैयार करे और युद्धरत देशों में स्थायी शांति वार्ता में सहयोग दे।
ब्रुसेल्स में नाटो देशों के शिखर सम्मेलन में पारित एक प्रस्ताव में कहा गया है कि अमेरिका और यूरोपीय देशों की खुफिया जानकारी से पता चला है कि रूस की सैन्य मदद और आर्थिक सहयोग के लिए चीन योजनाएं बना रहा है।
नाटो नहीं लडे़गा सीधा जंग
उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) ने साफ कर दिया है कि वह रूस-यूक्रेन युद्ध में सीधे तौर पर शामिल नहीं होगा। बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में 25 मार्च को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की मौजूदगी में नाटो, यूरोपीय यूनियन और जी 7 देशों की महत्वपूर्ण बैठकों यह निर्णय लिया गया।
इस तरह करेगा सदस्यों की नजर
नाटो महासचिव जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि 30 देशों के संगठन को रूस से कोई खतरा नहीं है लेकिन सतर्कता के चलते रूस के पास के सदस्य देशों- बुल्गारिया, हंगरी, रोमानिया और स्लोवेनिया में लड़ाकू सैन्य दस्तों की तैनाती की जाएगी।