वामपंथी छात्र संगठनों और उससे जुड़े फ्रंटल संगठनों की संदिग्ध गतिविधियों पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की कड़ी नजर है। 6 सितंबर को वाराणसी में भगत सिंह स्टूडेंट मोर्चा के दफ्तर सहित प्रयागराज, चंदौली, देवरिया और आजमगढ़ जिलों में आठ स्थानों पर एनआईए ने छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान इन जगहों से एनआईए की टीम ने सिम कार्ड, नक्सली साहित्य, किताबें, पर्चे, डायरी, धन रसीद किताबें और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेजों के साथ-साथ मोबाइल फोन, लैपटॉप, पेन ड्राइव, कॉम्पैक्ट डिस्क और मेमोरी कार्ड सहित कई डिजिटल उपकरण भी जब्त किए हैं।
खतरनाक था इरादा
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने 6 सितंबर को विज्ञप्ति जारी कर बताया कि जांच में संकेत मिला है कई फ्रंटल संगठनों और छात्र विंगों को भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के इरादे से कैडरों को प्रेरित करने व भर्ती करने और सीपीआई (माओवादी) की विचारधारा का प्रचार करने का काम सौंपा गया है। ये संगठन इस एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए आतंक और हिंसा की साजिश रच रहे थे। बताया गया कि सीपीआई (माओवादी) के कैडर पूरे उत्तर प्रदेश में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन को पुनर्जीवित कर रहे हैं। एनआईए की जांच में संकेत मिला कि कई फ्रंटल संगठनों और छात्र विंग को कैडरों को प्रेरित/भर्ती करने, सीपीआई (माओवादी) की विचारधारा का प्रचार-प्रसार करनें का काम मिला था।
बिहार के प्रतिबंधित नक्सली संगठन से संबंध
एनआईए के विज्ञप्ति के अनुसार बीएचयू की एमफिल की छात्रा आकांक्षा आजाद का बिहार के प्रतिबंधित नक्सली संगठन से संबंध हैं। वह नक्सली संगठन के एजेंडे पर गुपचुप तरीके से काम कर उसे दोबारा एक्टिव करने में लगी हुई थी। आकांक्षा को यहां नया कैडर बनाने की जिम्मेदारी दी गयी थी। आकांक्षा आजाद नक्सली संगठन के मुखिया प्रमोद मिश्रा के लिए काम करती है। वाराणसी में छापेमारी के दौरान मोर्चा की पदाधिकारी छात्राओं आकांक्षा आजाद और सिद्धि से पूछताछ के बाद टीम दोनों के लैपटॉप और एक मोबाइल फोन और सिम जब्त कर अपने साथ ले गई। दोनों के कमरों से भी संगठन द्वारा प्रकाशित मैगजीन दस्तक और अखबार भी टीम ने जब्त कर लिया। प्रयागराज से प्रकाशित इस पत्रिका में वाराणसी के मोहनसराय में ट्रांसपोर्ट नगर, राजघाट में सर्व सेवा संघ भवन पर हुए कार्रवाई से जुड़े समाचार और लेख छपे थे।
आकांक्षा आजाद झारखंड और सिद्धि बनारस की निवासी
गौरतलब हो कि आकांक्षा आजाद झारखंड और सिद्धि बनारस की निवासी है। आकांक्षा ने पत्रकारों को बताया कि देश में अब हर जगह जल, जंगल और जमीन की लूट हो रही है। पीएफआई जैसे संगठन को आतंकी करार कर वाराणसी से गिरफ्तारी हो रही है। हमारे लोगों को नक्सली बोला जा रहा है। हम लोग हर लोकतांत्रिक मुद्दों को लेकर मुखर रहते हैं। इसी को लेकर हमें परेशान किया जा रहा है। हम लोग इस छापेमारी से डरने वाले नहीं हैं। आकांक्षा ने बताया कि यह सरकार उनकी आवाज को दबाना चाहती है जो इनके खिलाफ बोलते हैं। भगत सिंह छात्र मोर्चा एक स्वतंत्र संगठन है।