समीर वानखेडे की राज्य सरकार इसलिए नहीं कर पाएगी गिरफ्तारी

समीर वानखेडे पर राजनीतिक आरोपों की बौछार हो रही है। इसमें उनके निजी जीवन और परिवारजनों की जानकारियां सार्वजनिक की जा रही हैं। इसको लेकर अब परिवारजनों ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है।

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एनसीबी के विभागीय संचालक समीर वानखेडे के लिए बड़े राहत की सूचना है, बॉम्बे उच्च न्यायालय में उनकी याचिका की सुनवाई करते हुए तत्काल उन पर कोई कार्रवाई न करने का आदेश दिया है। समीर वानखेडे ने न्यायालय के समक्ष एक याचिका दायर की है। जिसमें कहा गया है कि अभी समीर वानखेडे के विरुद्ध कोई कठोर कार्रवाई न की जाए।

समीर वानखेडे ने पहले सत्र न्यायालय में महाराष्ट्र सरकार की कार्रवाई से सुरक्षा के लिए याचिका दायर की थी, लेकिन चुंकि आर्यन खान का प्रकरण उच्च न्यायालय में चल रहा था, इसलिए सत्र न्यायालय ने उस पर कोई अंतरिम राहत देने से इन्कार कर दिया। इसके बाद गुरुवार को समीर वानखेडे ने बॉम्बे उच्च न्यायालय में अंतरिम राहत के लिए याचिका दायर की।

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सीबीआई करे जांच
समीर वानखेडे ने उच्च न्यायालय में अपनी याचिका में मांग की थी कि यदि उनकी जांच होती है तो वह सीबीआई को सौंपी जाए। इसके अलावा समीर वानखेडे ने अपनी गिरफ्तारी की आशंका व्यक्त की थी, जिससे राहत के लिए समीर वानखेडे ने उच्च न्यायालय से सुरक्षा की मांग की थी।

देनी होगी 3 दिन पहले नोटिस
उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार को समीर वानखेडे पर तत्काल कोई कठोर कार्रवाई करने से रोका है। इसके अलावा यदि गिरफ्तारी की जाती है तो इसके लिए 3 दिन पहले जानकारी देना अनिवार्य होगा।

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