मुंबई में नार्कोटिक कंट्रोल ब्यूरो के निशाने पर मादक पदार्थ विक्रेता हैं। इसको लेकर एजेंसी लगातार कार्रवाई कर रही है, परंतु पिछले कुछ महीनों में तीन ऐसी घटनाएं हुई हैं, जो एनसीबी अधिकारियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर प्रश्न खड़ा कर रही हैं। इन घटनाओं से लगने लगा है कि शहर के शातिर ड्रग पेडलर्स के निशाने पर अब एनसीबी है।
सुशांत सिंह की मौत की जांच ने फिल्मी दुनिया में मादक पदार्थों के सेवन और ड्रग पेडलर्स के जांच की परतें खोलनी शुरू कर दीं। एक समय कई कलाकार एनसीबी की जांच के दायरे में आ गए थे। इस बीच एनसीबी की कार्रवाई में ड्रग फैक्ट्रियां, नशे के बड़े विक्रेता और गली कूचे में म्याऊं-म्याऊं, पोपट पान, बाटला बटन बेचनेवाले ड्रग पेडलर्स पर एनसीबी ने कार्रवाई की।
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बढ़ी हमले की घटनाएं
नार्कोटिक कंट्रोल ब्यूरो मादक पदार्थों की तस्करी और बिक्री पर रोकथाम और कार्रवाई करनेवाली केंद्रीय एजेंसी है। इसके अलावा राज्य पुलिस का भी एंटी नार्कोटिक सेल भी है। लेकिन, मुंबई में 2020 से केंद्रीय एजेंसी ने कड़ी कार्रवाई शुरू की हुई है। इसमें तीन ऐसी घटनाएं हुई हैं जिसमें एनसीबी अधिकारियों पर ही हमले हो गए हैं।
⇒ 6 अगस्त 2021 को अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी में संलिप्त आरोपी की धरपकड़ के लिए गई एनसीबी की टीम पर हमला हो गया। इसमें दो अधिकारी घायल हो गए हैं। एनसीबी ने स्टीफन सेम्युअल टोनी नामक आरोपी की गिरफ्तार किया है। उसके पास से 102 ग्राम कोकिन भी जब्त की गई है।
⇒ 20 मई 2021 को एनसीबी के एक अधिकारी को मोटर साइकिल सवार ड्रग पेडलर 500 मीटर घसीटते हुए ले गया। यह घटना अंधेरी पश्चिम के वीरा देसाई रोड पर घटी थी। इस धरपकड़ में एनसीबी ने लगभग ढाई किलो मीटर पीछा करने के बाद तीन ड्रग पेडलर में से एक को गिरफ्तार कर लिया था। जबकि, इस कार्रवाई में एनसीबी का एक अधिकारी घायल हो गया।
⇒ 23 नवंबर 2020 को गोरेगांव में एनसीबी अधिकारियों पर हमला हुआ था। एनसीबी के अधिकारी कैरी मेन्डिस नामक ड्रग पेडलर को पकड़ने गए हुए थे, इस बीच वहां लोग जुट गए और उन्होंने एनसीबी के दल से मारपीट की।
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