वो जमीन बनी जंजाल? एकनाथ खडसे से प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ

खडसे परिवार द्वारा भोसरी एमआईडीसी में सर्वे नंबर 52 में 3 एकड़ जमीन के लेनदेन की जांच प्रवर्तन निदेशालय कर रहा है।

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दामाद गिरीश चौधरी की गिरफ्तारी के एक दिन पश्चात राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता एकनाथ खडसे प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय में पहुंचे। उन्हें नोटिस जारी करके पूछताछ के लिए बुलाया गया था। यह जांच पुणे के भोसरी भूखण्ड प्रकरण में है। इस विवाद के कारण ही एकनाथ खडसे को अपना मंत्रीपद छोड़ना पड़ा था।

खडसे के दामाद गिरीश चौधरी को 12 जुलाई 2021 तक पुलिस हिरासत में रखने का आदेश दिया गया है। यह प्रकरण 2017 का है जिसमें भोसरी एमआईडीसी में एक भूखण्ड खरीदी गई थी। जिसमें भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने प्रकरण दर्ज किया था। इस प्रकरण की जांच प्रवर्तन निदेशालय कर रहा है। एकनाथ खडसे को पूछताछ के लिए समन जारी किया गया था, जिसके लिए वे एजेंसी के कार्यालय में पेश हुए।

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जांच में राजनीति की बू

एकनाथ खडसे ने प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय के बाहर मौजूद मीडिया के प्रश्नों का उत्तर दिया। उन्होंने कहा कि, इस प्रकरण से मेरा कोई संबंध नहीं है। इस भूखण्ड को मेरी पत्नी और दामाद ने खरीदा है। यह निजी खरीद प्रकरण है, जिसकी जांच हो रही है। इसके बावजूद मैं जांच में पूरा सहयोग करुंगा। यह मुझे फंसाने का प्रयत्न हो रहा है। इसमें राजनीतिक षड्यंत्र की बू आ रही है।

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इस भूखण्ड को खडसे परिवार ने अब्बास मुक्कानी नामक व्यक्ति से खरीदा था। जिसमें इस भूखण्ड की मूल कीमत को छुपाने का आरोप करते हुए हेमंत गावंडे ने बंद गार्डन पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने भूखण्ड के मालिक और तीन खरीददारों पर भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम और भारतीय दंड विधान की धारा 109 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया।

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