NEET Controversy: अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय (Union Ministry of Education) के निर्देश पर सीबीआई ने यूजीसी-नेट पेपर लीक (UGC-NET exam paper leak) मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज (FIR registered) की है। शुरुआती जांच में पता चला है कि प्रश्नपत्र सोमवार को लीक हुआ था जिसके बाद इसे एन्क्रिप्टेड सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किया गया था।
सूत्रों ने बताया कि अगले दिन, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (l4C) की राष्ट्रीय साइबर अपराध खतरा विश्लेषण इकाई से इनपुट मिले कि पेपर डार्कनेट पर उपलब्ध था और कथित तौर पर मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर 5-6 लाख रुपये में बेचा जा रहा था।
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शिक्षा मंत्रालय की शिकायत
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई अपराधियों को पकड़ने के लिए अपने स्वयं के डार्कनेट एक्सप्लोरेशन सॉफ्टवेयर और सिस्टम शुरू करते हुए I4C के साथ घनिष्ठ समन्वय में काम करेगी। शिक्षा मंत्रालय की शिकायत के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन काम करने वाले I4C के इनपुट अधिकारियों ने कहा “प्रथम दृष्टया संकेत देते हैं कि परीक्षा की अखंडता से समझौता किया गया हो सकता है ।”
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संजय मूर्ति का संदर्भ नोट
शिक्षा मंत्रालय के सचिव के संजय मूर्ति के संदर्भ नोट में कहा गया है, “परीक्षा प्रक्रिया की उच्चतम स्तर की पारदर्शिता और पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए, भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने उक्त परीक्षा को रद्द करने और मामले की गहन जांच के लिए मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंपने का फैसला किया है।” एफआईआर में कहा गया है कि शिकायत के तथ्य प्रथम दृष्टया अज्ञात आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत दंडनीय अपराधों के होने का खुलासा करते हैं।
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