देशभर में राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (National Eligibility Cum Entrance Test) को लेकर विरोध (Prostate) प्रदर्शन हो रहे हैं। छात्र (Students) सड़कों पर उतरकर परीक्षा रद्द (Exam Cancelled) करने की मांग कर रहे हैं। मामले में बिहार पुलिस (Bihar Police) ने एक अभ्यर्थी समेत कुछ आरोपियों (Accused) को गिरफ्तार (Arrested) किया है। गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि परीक्षा से एक दिन पहले ही उनके पास प्रश्नपत्र पहुंचे थे। नीट अभ्यर्थी अनुराग यादव ने स्वीकार किया है कि उन्हें जो लीक प्रश्नपत्र उपलब्ध कराया गया था, वह परीक्षा के प्रश्नपत्र से मेल खाता था।
नीट पेपर लीक मामले को लेकर दिल्ली से लेकर पटना तक सियासत गरम है। छात्र परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर सड़कों पर उतर रहे हैं। इस बीच पेपर लीक मामले को लेकर हर दिन खुलासे भी हो रहे हैं। ऐसे में आरोपियों का कबूलनामा सामने आया है। बताया गया है कि उन्हें परीक्षा से एक दिन पहले ही प्रश्नपत्र मिला था और परीक्षा में जो प्रश्नपत्र मिले थे, वही उन्हें एक दिन पहले मिले थे। चार आरोपी गिरफ्तार बिहार पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए चार लोगों में अभ्यर्थी अनुराग यादव, दानापुर नगर परिषद में जूनियर इंजीनियर सिकंदर यादवेंदु और दो अन्य- नीतीश कुमार और अमित आनंद शामिल हैं। अनुराग यादव ने पूछताछ में यह भी कबूल किया कि उसे प्रश्नपत्र देकर याद करने को कहा गया था।
आरोपी अमित का बयान
आरोपी अमित आनंद का कहना है कि सिकंदर से उसकी दोस्ती है। बातचीत के दौरान सिकंदर ने बताया कि मेरा भी एक लड़का है, जिसे तुम परीक्षा में पास करा सकते हो, जो नीट की तैयारी कर रहा है। उसे पास कराना है। बदले में उसने बताया कि इसके लिए 30-32 लाख रुपए लगेंगे, जिसके लिए वह राजी भी हो गया। रात में सभी को बुलाकर प्रश्नपत्र का उत्तर याद कराया गया। उसने अपने कबूलनामे में बताया कि जब सिकंदर पुलिस के हत्थे चढ़ा तो हम भी पकड़े गए।
35 से 40 लाख में हुई थी बात
उसने बताया, इस बीच मैंने लालच में आकर हर लड़के से 35 से 40 लाख रुपए में बात भी की। इसी दौरान बेली रोड पर वाहन चेकिंग के दौरान मुझे शास्त्री नगर थाने की पुलिस ने दूसरे लड़कों के एडमिट कार्ड के साथ पकड़ा।
क्या है पूरा विवाद
नीट की परीक्षा 5 मई 2024 को आयोजित की गई थी। छात्रों का आरोप है कि परीक्षा से पहले ही पेपर लीक हो गया था, लेकिन एनटीए ने कोई कार्रवाई नहीं की। परीक्षा के दौरान कई केंद्रों पर पेपर बांटने में देरी हुई। इसे लेकर छात्रों ने हंगामा भी किया और उन्हें पेपर देने में भी देरी हुई। इसके लिए क्षतिपूर्ति अंक देने का वादा किया गया था। 4 जून को नतीजे घोषित किए गए। ग्रेस अंक देने से नतीजों पर असर पड़ा, इसलिए अब दोबारा पेपर कराने की मांग की जा रही है।
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