फोर्ब्स (Forbes) ने 2025 में दुनिया के 10 सबसे शक्तिशाली देशों (Powerful Countries) की सूची जारी की है, जिसमें भारत (India) को शीर्ष 10 से बाहर रखा गया है। यह सूची कई महत्वपूर्ण मानदंडों (Norms) पर आधारित है, लेकिन भारत जैसे देश, जिसकी जनसंख्या बहुत अधिक है, सेना चौथी सबसे बड़ी है और अर्थव्यवस्था पांचवीं सबसे बड़ी है, को इसमें शामिल न किए जाने से अब कई सवाल खड़े हो गए हैं।
फोर्ब्स की इस नई 2025 सूची में अमेरिका शीर्ष 10 में पहले नंबर पर है, जबकि चीन दूसरे नंबर पर है। शीर्ष 10 में दसवें स्थान पर इजराइल ने कब्ज़ा किया है। फोर्ब्स की इस सूची में भारत को शीर्ष 10 से बाहर रखने पर कई गंभीर सवाल उठ रहे हैं। लेकिन फोर्ब्स ने कहा है कि रैंकिंग जारी करते समय वह कई मापदंडों पर जांच और परीक्षण करता है और फिर सूची जारी की जाती है।
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पांच मुख्य मापदंडों का उपयोग
फोर्ब्स की रिपोर्ट के अनुसार, रैंकिंग के लिए पांच मुख्य मापदंडों का इस्तेमाल किया जाता है। सूची किसी देश के नेता, आर्थिक प्रभाव, राजनीतिक प्रभाव, मजबूत अंतरराष्ट्रीय गठबंधन और मजबूत सैन्य क्षमता के आधार पर तैयार की जाती है।
भारत को बाहर रखने के बारे में प्रश्न
भारत की विशाल जनसंख्या, सैन्य शक्ति और आर्थिक प्रगति को देखते हुए इस सूची से उसका बाहर होना भारत के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। चौथी सबसे बड़ी सेना और पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के बावजूद भारत को इस रैंकिंग में स्थान नहीं मिला। इससे कई विशेषज्ञों और आम जनता के बीच यह सवाल उठा है कि फोर्ब्स की रैंकिंग पद्धति भारत के प्रभाव का सही आकलन करने में विफल रही है।
रैंकिंग मॉडल और शोध टीम
यह रैंकिंग मॉडल WPP की एक इकाई BAV ग्रुप द्वारा बनाया गया है। इस शोध दल का नेतृत्व पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के व्हार्टन स्कूल के प्रोफेसर डेविड रीबस्टीन ने किया। जबकि अमेरिका, चीन और रूस जैसे देशों ने अपनी मजबूत स्थिति बनाए रखी है, फोर्ब्स ने भारत जैसी उभरती शक्तियों को बाहर रखे जाने की आलोचना की है।
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