पश्चिम बंगाल (West Bengal) के बहुचर्चित स्कूल भर्ती घोटाले (School Recruitment Scam) में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) दो और लोगों के गोपनीय बयान दर्ज करने की तैयारी में है। इन बयानों को इस महीने न्यायिक मजिस्ट्रेट (Judicial Magistrate) के सामने दर्ज किया जा सकता है। संभावित तारीखें 26 मार्च और 31 मार्च तय की गई हैं।
सूत्रों के अनुसार, ये दोनों व्यक्ति ईडी से संपर्क कर अपने गोपनीय बयान दर्ज कराने की इच्छा जता चुके हैं। ईडी और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) इस मामले की संयुक्त जांच कर रहे हैं। हालांकि, ईडी ने इन दोनों व्यक्तियों की पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी है। यह भी स्पष्ट नहीं किया गया है कि वे मामले में आरोपित हैं या गवाह।
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इससे पहले, पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के पूर्व महासचिव पार्थ चटर्जी के दामाद कल्याणमय भट्टाचार्य ने मामले में सरकारी गवाह बनने की अर्जी दी थी। इस हफ्ते की शुरुआत में कोलकाता के मुख्य महानगर दंडाधिकारी की अदालत में उनका गोपनीय बयान दर्ज किया गया था। इसके बाद, धनशोधन निवारण अधिनियम की विशेष अदालत ने उन्हें आरोपमुक्त करने की अनुमति दे दी।
ईडी ने पहले अपनी चार्जशीट में भट्टाचार्य को आरोपित के रूप में नामित किया था। वह बबली चटर्जी मेमोरियल ट्रस्ट के ट्रस्टी बोर्ड के सदस्य थे, जो पार्थ चटर्जी की दिवंगत पत्नी के नाम पर बना था। जांच एजेंसियों का आरोप है कि स्कूल भर्ती घोटाले से मिली नकदी को ट्रस्ट को दिए गए “दान” के रूप में दिखाया गया और फिर उसी पैसे से ट्रस्ट के नाम पर संपत्तियां खरीदी गईं।
इस मामले की सुनवाई कोलकाता की पीएमएलए विशेष अदालत में शुरू हो चुकी है। पार्थ चटर्जी को ईडी द्वारा दर्ज मामले में जमानत मिल चुकी है, लेकिन सीबीआई द्वारा दायर समानांतर मामले के कारण वह अभी भी जेल में हैं।
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